एक सरकारी सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि भारत सरकार, भारतीय जीवन बीमा निगम में 5% से अधिक की हिस्सेदारी बेचकर लगभग 30000 करोड़ रुपये (3.9 बिलियन डॉलर) जुटाने की योजना बना रही है। यह उसके पहले लगाए गए अनुमान से आधा है। सूत्र के अनुसार, एलआईसी का मूल्यांकन अभी लगभग 6 लाख करोड़ रुपये है, जो निवेशकों की प्रतिक्रिया के बाद सरकार के पहले के अनुमानों की तुलना में काफी कम है।
इससे पहले सरकार को अनुमान था कि एलआईसी मूल्यांकन लगभग 17 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए। सूत्र ने कहा कि सरकार को लिस्टिंग प्रक्रिया के लिए नए सिरे से नियामकीय मंजूरी लेनी होगी। फिलहाल, वित्त मंत्रालय ने इस पर बयान देने के अनुरोध वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया है।
पहले मार्च में आना था एलआईसी आईपीओ!
गौरतलब है कि एलआईसी का आईपीओ मार्च 2022 में लाने की योजना थी लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण इसे टाल दिया गया था। दरअसल, एलआईसी विनिवेश को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है लेकिन अब सरकार के पास इसे जारी करने के लिए 12 मई तक का समय है। इसके बाद आईपीओ लाने के लिए सरकार को सेबी में फ्रेश ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करना होगा।
जानकारों के अनुसार, अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है तो एलआईसी का आईपीओ अगस्त-सितंबर तक के लिए टल सकता है क्योंकि फिर तिमाही नतीजे आने पर नए मूल्यांकन के साथ सेबी में फ्रेश डीआरएचपी दाखिल करने की जरूरत होगी।
एलआईसी आईपीओ की तारीख पर फैसला जल्द
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, सरकार एलआईसी आईपीओ की तारीख पर अगले एक-दो दिनों में फैसला ले सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि इस सप्ताह में एलआईसी आईपीओ को लाने को लेकर फैसला हो जाएगा।