रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में धरना-प्रदर्शन और आंदोलनों का दौर तेज हो गया है। इसे देखते हुए सरकार ने बिना अनुमति के किसी भी तरह के निजी और सार्वजनिक आयोजन पर सख्ती करने का फैसला किया है। सरकार ने राज्य में धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल के साथ ही सभी तरह के धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी है। इस संबंध में गृह विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है। इस तरह के आयोजनों के लिए 15 शर्तों के साथ अनुमति दी जाएगी। इसमें आयोजक को शर्तों का कठोरता से पालन करने का शपथ पत्र भी देना होगा।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि पहले इस तरह के आयोजनों के लिए जिला प्रशासन से अनिवार्य रुप से अनुमति ली जाती थी, लेकिन अब विधिवत अनुमति के बिना ही कार्यक्रम हो रहे हैं। इतना ही नहीं अनुमति प्राप्त करने के बाद आयोजन का स्वरूप में परिवर्तन कर देते हैं, जो सही नहीं है। ऐसी स्थिति में आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित होती है।
गृह विभाग ने आदेश में कहा है कि आयोजन करने के पहले जिला प्रशासन से अनुमति अवश्य प्राप्त करें, ताकि जिला प्रशासन को रूट परिवर्तन, आम नागरिकों के आवागमन, बाजार व्यवस्था और सुरक्षा के उपाय करने समेत सुचारू रूप से प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
इन शर्तों का करना होगा पालन
आयोजन में शामिल सभी व्यक्तियों को अनुमति पत्र की सभी शर्तों का पालन करना होगा। आयोजन में शामिल होने वाला व्यक्ति जिला प्रशासन और पुलिस बल का पूरा सहयोग करेगा। आयोजन के मार्ग और स्थल पर कानून और व्यवस्था और शांति पूरी तरह से बनाए रखी जाएगी। निर्धारित स्थल पर ही वाहनों की पार्किंग की जाएगी। कोई भी व्यक्ति, जिसमें आयोजक भी शामिल है, जुलूस/सभा में कोई हथियार, नशीला पदार्थ या कोई अन्य खतरनाक पदार्थ नहीं ले जाएगा। आयोजन में नफरत फैलाने वाला भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाएगा। आयोजन के दौरान आम जनता की सुविधा के लिए यातायात और सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा।
आयोजन की वीडियो रिकार्डिंग जरूरी
शर्तों में आयोजन की वीडियोग्राफी को भी शामिल किया गया है। रिकार्डिंग की एक प्रति, जुलूस/सभा के बाद दो दिनों के भीतर संबंधित एसडीएम को प्रस्तुत करना होगा। लाउडस्पीकर का प्रयोग जुलूस/सम्मेलन समय के दौरान प्रतिबंधित डेसिबल सीमा पर किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने के लिए या बने रहने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जाएगा। अनुमति में दिए गए समय और स्थान पर आयोजन समाप्त किया जाएगा।आयोजन में शामिल होने वाली संख्या का कम से कम पांच प्रतिशत वालेंटियर रखेंगे, जो पुलिस और प्रशासन को व्यवस्था बनाने में सहयोग करेंगे।
बता दें कि रायपुर के बूढ़ातालाब स्थिति धरना स्थल पर करीब महीनेभर से कई संगठन धरना पर बैठे हुए थे। इसमें शामिल बिजली कंपनी के संविदा कर्मियों ने 22 घंटें तक सड़क जाम कर दिया था। शनिवार को उन्हें बलपूर्वक हटाना पड़ा। इसी तरह नवा रायपुर में भी वहां के प्रभावित किसान करीब तीन महीने से बिना अनुमति के लिए धरना दे रहे थे। उन्हें रविवार की सुबह हटाया गया है।