रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में किसानों का आंदोलन 113 दिनों से जारी है। रविवार को जिला प्रशासन द्वारा NRDA परिसर से हटा देने के बाद किसानों ने अब कयाबांधा को नया ठिकाना बना लिया है। आम के बगीचे में किसानों का आंदोलन शुरू हो गया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत किसानों को आंदोलन में शामिल होंगे। 27 व 28 तारीख को रायपुर आ रहे हैं। टिकैत ने जिला प्रशासन से किसानों को परेशान नहीं करने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की समस्या का समाधान सरकार बातचीत करके निकाले।
बता दें कि नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले 27 गांवों के किसान 8 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 113 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। मांगों को पूरा करने मंत्रिमंडलीय उप समिति व सीएस की अध्यक्षता में कई दौर के वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। प्रदेश सरकार 8 में से 6 मांगों को पूरा करने की बात कहती है, लेकिन किसान इसे छलावा बताते हुए अब भी आंदोलन पर डटे हुए हैं। किसानों ने कह दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी। वे आंदोलन से नहीं हटेंगे। किसान इससे पहले किसान दो बार मंत्रालय जाने निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। 11 मार्च को एक किसान सियाराम पटेल की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर इससे पहले सीएम भूपेश बघेल को अपनी मांगों से अवगत करा चुके हैं। मंत्री शिव डहरिया, मंत्री रविंद्र चौबे की उपस्थिति में कई दौर की बैठक भी हो चुकी है।
महापंचायत की रणनीति बनाने में जुटे किसान
अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा कि जिला प्रशासन ने किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया है, जिससे किसानों में आक्रोश है। मांग पूरी होने तक किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। कयाबांधा के बगीचे में ही सभी ग्रामीणों की एक पंचायत बुलाई गई है। इस पंचायत में आंदोलन की रणनीति और दिशा तय की जाएगी। अपनी 8 मांगों को लेकर किसानों का यह आंदोलन जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस के अमले ने सामान जब्त कर लिया और किसानों को NRDA परिसर से हटा दिया। उन्होंने कहा कि किसान अपना हक लेकर रहेंगे। राकेश टिकैत के महापंचायत की तैयारी की जा रही है।
आंदोलन, प्रदर्शन के लिए लेनी होगी अनुमति
प्रदेश में अब किसी भी जिले में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए 19 बिंदुओं पर स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही किसी तरह का आंदोलन या धरना-प्रदर्शन कर सकेंगे। राज्य सरकार के निर्देश पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने इसका आदेश जारी किया है। नियमानुसार तीन पन्नों के प्रपत्र में आवेदन करना होगा। प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों को अनुमति पत्रों की शर्तों का पालन करना पड़ेगा। आयोजन के दौरान किसी भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। पुलिस व प्रशासन को पूरा सहयोग करना होगा।