Mahasamund : अंचल मे इन दिनों भीषण गर्मी (scorching heat)पड़ रही है ऐसे हालातों में जल के सभी स्रोत या तो सूख चुके हैं या वाटर लेवल कम होने की वजह से बेकार होने को है। ऐसे हालत होने से पेयजल की व्यवस्था करना संबंधित ग्राम पंचायत और प्रशासन (Administration)की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन व्यवस्था (Management)नहीं हो रही है और ग्रामीण पेयजल (rural drinking water)के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे।
आपको बता दें कि पेयजल संकट का यह मामला ग्राम पंचायत भोथलडीह के आश्रित गांव खम्हारपाली में सामने आया है। जहां पेयजल के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। गांव में लगे हैंडपंप सूख गए स्थापित किए नल जल योजना से भी पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। जगह-जगह लगे नल सूखे पड़े हुए हैं। लेकिन पानी की व्यवस्था करने कोई जहमत नहीं उठाई जा रही है। ग्रामीणों से जब वन इंडिया में चर्चा की है तब उनका कहना था कि पानी की व्यवस्था को लेकर पंचायत प्रशासन गंभीर नहीं है। पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने लगातार वह मांग उठा रहे हैं लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो रही है लिहाजा ग्रामीणों को दूर दूर से पानी लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में वाटर लेवल काफी डाउन है लेकिन पेयजल की समस्या वर्षों से होने के बाद भी समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। आइए देखते हैं ग्रामीणों का क्या कहना है और किस तरह पानी की समस्या झेल रहे हैं।