गरियाबंद / कोविड-19 के संक्रमण से मृत्यु हो जाने पर उनके परिजन अब 90 दिनों के भीतर दावा दायर कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से जारी निर्देश के हवाले से कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिशा निर्देश दिए गए हैं कि कोविड-19 से मृत्यु के प्रकरणों में दावा के लिए समय-सीमा निर्धारित नहीं होने से इसकी प्रक्रिया अंतहीन होती जा रही है, जिससे झूठे दावे प्रस्तुत करने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि उक्त संशोधित दिशा-निर्देश के अनुसार 21 मार्च 2022 के बाद वाले प्रकरणों में 90 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसके अलावा यदि मृत्यु कोविड 19 के कारण 20 मार्च 2022 से पहले हुई है तो 25 मार्च 2022 से 60 दिनों के भीतर मुआवजे के लिए दावा दायर किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया है कि अत्यधिक कठिनाई के मामले में यदि कोई दावेदार निर्धारित समय के भीतर आवेदन प्रस्तुत नहीं कर सका, तो दावेदार शिकायत निवारण समिति से सम्पर्क कर सकता है। इस संबंध में कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि मृत व्यक्तियों के परिजनों व आश्रितों को तदनुसार अनुदान सहायता उपलब्ध कराने शासन द्वारा दिये गये नये दिशा निर्देश का पालन करते हुए अपने क्षेत्रान्तर्गत प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों को सहायता राशि के संबंध में जागरूक करते हुए निर्धारित प्रारूप में आवेदन का संकलन कर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी कहा है कि यदि झूठे प्रमाण-पत्र जमा करने या फर्जी दावा प्रस्तुत करने पर मुआवजा राशि प्राप्त होती है या उस आधार पर कोई राहत प्राप्त करता है तो यह आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 52 के तहत दंडनीय अपराध होगा।
कोविड-19 से मृत व्यक्तियों को अनुदान सहायता के लिए अब 90 दिनों में करना होगा दावा
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