Rajnandgaon News : 1 मई मजदूर दिवस (Labour Day)के अवसर पर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)ने इस दिन को बोरे-बासी दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है, जिसके बाद राजनांदगांव (Rajnandgaon)शहर के जयस्तंभ चौक(Jaystambh Chowk)में आज कांग्रेसियों ने मजदूरों के साथ बोरे-बासी खाया।
छत्तीसगढ़ के मेहनतकश मजदूर और किसानों को अक्सर बोरे बासी खाते देखा जा सकता है। यह बोरे-बासी की ही शक्ति है कि भीषण गर्मी में जब पारा 45 डिग्री के पार पहुंच जाता है तब भी यहां के मजदूर और किसान कड़ी धूप में घंटों मेहनत करते दिखाई देते हैं। आज 1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दिन को मेहनतकश मजदूर किसानों को समर्पित करते हुए यहां के खानपान की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य इस दिन को बोरे -बासी दिवस के रूप में मनाने की बात कही थी। इसके बाद राजनांदगांव शहर के जयस्तंभ चौक में आज मजदूर दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के सदस्य निखिल द्विवेदी ने मजदूरों के साथ बटकी में बासी खाकर छत्तीसगढ़ की इस पौष्टिक आहार के गुणगान करते हुए बोरे-बासी दिवस की घोषणा करने पय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।
भीषण गर्मी में लू से जूझते हुए लोगों के लिए छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक आहार में शामिल बोरे-बासी किसी वरदान से कम नहीं है, इस बासी में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में है। वहीं बासी के साथ प्याज खाने से लू के थपेड़ों से बचाने में काफी सहायता मिलती है। रात का बचा हुआ चावल पानी में भिगोकर नमक, अचार या टमाटर की चटनी के साथ खाने से इसके लाजवाब स्वाद को भी भुलाया नहीं जा सकता। भीषण गर्मी में मेहनत मजदूरी करने वालों को यह बासी अंदरूनी रूप से ठंडकता पहुंचती है। यही वजह है कि विशेषकर गर्मी के दिनों में बोरे बासी मजदूरों और किसानों के लिए एक बेहतर आहार है, तो वहीं बच्चों के लिए भी यह बोरे-बासी लज्जतदार है और सेहत के साथ स्वाद में भी भरपूर है।