“छत्तीसगढ़ की पारंपरिक भोजन बोर बासी को मजदूर दिवस के अवसर पर किया ग्रहण।”
जगदलपुर ऑफिस डेस्क :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ की पारंपरिक भोजन बोरे बासी को मजदूर दिवस के अवसर पर श्रमिकों के साथ ग्रहण करने के आह्वान पर आज जगदलपुर नगर निगम द्वारा बोधघाट स्थित एसआरएलएम सेंटर में बोरे बासी भोज का अयोजन किया गया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन, महापौर सफिरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू, एमआईसी सदस्यगण और पार्षदगण, एसडीएम दिनेश नाग, नगर निगम आयुक्त प्रेम पटेल ने स्वच्छता दीदियों के साथ बोरे बासी का आनंद लिया।
संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि उन्होंने इसकी बधाई देतेे हुए इस बात पर खुशी जताई कि आज के लिए अपने अथक परिश्रम से शहर को साफ रखने का कार्य कर रही स्वच्छता दीदियों के साथ बोरे बासी भोज का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढिय़ा परंपराओं अक्ष्क्षुण रखने का प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री श्री बघेल का इसी दिशा में एक और शानदार प्रयास है।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ हमारी स्वच्छता दीदियां लगातार शहर को साफ सुथरा करने का प्रयास कर रही हैं। कोरोना के दौरान भी इन्होंने बहुत ही साहस के साथ शहर की साफ सफाई का काम निरंतर जारी रखा, वहीं आज इनके साथ बोरे बासी ग्रहण करना सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा कि यहां की माटी में जन्म लेने वाले मुख्यमंत्री यहां की रीति-रिवाजों और परंपराओं से भी भलीभांति परिचित हैं। छत्तीसगढ़ की एक परंपरा सुबह बोरे बासी खाने की है। रात के बचे हुए चावल को सुबह पानी में डुबाकर खाने की यह परंपरा सदियों से चली आज रही है। बोरे बासी न केवल पोषण से भरपूर होता है, बल्कि यह गर्मी के दिनों में शरीर को भी ठंडा रखता है। यह रोग प्रतिरोधी होने के कारण भी छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय है।