Raipur News : प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सनत चतुर्वेदी की 40 वर्षीय पत्रकारिता पर केंद्रित पुस्तक ‘अर्ध विराम’ का विमोचन 2 मई को उनके जन्म दिन के मौके पर प्रेस क्लब में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि रमेश नैयर ने कहा कि चतुर्वेदी मूल्यों और सिद्धांतों की पत्रकारिता करने वाले विलक्षण प्रतिभा संपन्न व्यक्ति हैं। उन्होंने जिंदगी भर निर्भीक पत्रकारिता की है और आज भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से, पर बड़ी खामोशी से कार्यरत हैं। नैयर ने कहा कि आज तकनीक के युग में एक ओर काम आसान हुए हैं तो चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। ऐसी स्थिति में सामंजस्य स्थापित कर पत्रकारिता भी कठिन हो रही है। उन्होंने खालिस्तानी और माओवादी हिंसा के शिकार हुए अपने साथी पत्रकारों का स्मरण भी किया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे संपादक और व्यंगकार गिरीश पंकज ने कहा कि सनत चतुर्वेदी संत कोटि के पत्रकार हैं। चतुर्वेदी संवेदनशील और स्वाभिमानी व्यक्तित्व के धनी हैं। 40 साल की नौकरी में 22 बार नौकरी छोड़ देना ही मिसाल है कि वे बिना समझौता किए अपनी शर्तों पर काम करते हैं। पंकज ने कहा कि यदि सनत चतुर्वेदी ने थोड़ा सा भी लचीला रवैया अपनाया होता तो वे किसी बड़े अखबार के संपादक होते. उन्होंने चतुर्वेदी को संवेदनशील कवि और कथाकार कहा।
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‘अर्ध विराम’ के लेखक वरिष्ठ पत्रकार आशीष सिंह ने कृति परिचय देते हुए बताया कि इस किताब में न कहीं आत्म प्रशंसा है और न ही किसी व्यक्ति या संस्थान की आलोचना है। सिंह ने किताब में प्रकाशित कुछ प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे एक छोटी सी घटना जीवन को विशेष दिशा की ओर मोड़ देती है। जिससे व्यक्ति जिंदगी भर बंधा रह जाता है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की परवाह किए बिना श्री चतुर्वेदी ने निर्भीकता के साथ बस्तर में साल वृक्षों को बचाने तथा पाइन प्लांटेशन के विरोध में अखबार के माध्यम से मुहीम चला कर सफलता पाई थी। राज्य प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी सुनील विजयवर्गीय ने बताया कि सनत चतुर्वेदी ने किस तरह से 200 कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए पत्रकारिता की थी। वरिष्ठ पत्रकार गोपाल वोरा ने भी अपनी यादें साझा की। इस अवसर पर प्रेस क्लब, पत्रिका मिसाल, छत्तीसगढ़ ब्राह्मण समाज केंद्रीय समिति, सर्व प्रिय प्रकाशन और हरि ठाकुर स्मारक संस्थान की ओर से सनत चतुर्वेदी का अभिनंदन किया गया। स्वागत भाषण डॉ. सुधीर शर्मा ने और कार्यक्रम का संचालन प्रभात मिश्र ने किया। समारोह में बड़ी संख्या में पत्रकार, साहित्यकार तथा चतुर्वेदी के परिजन मौजूद थे।