हर साल 3 अप्रैल का दिन अस्थमा दिवस (asthma day )के रूप में मनाया जाता है। ये समस्या फेफड़ों से जुड़ी हुई है। अगर यह बीमारी बच्चों को हो जाए तो इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। स्थिति गंभीर होने पर अस्थमा अटैक (attack )भी आ सकता है। ऐसे में लक्षण और कारण के बारे में पता होना जरूरी है
अस्थमा सांस से जुड़ी एक पुरानी बीमारी है। इससे फेफड़ों में वायुमार्ग में सूजन हो सकती है, जिससे हवा को अंदर और बाहर ले जाना मुश्किल हो सकता है। अस्थमा का दौरा तब पड़ता है जब ये लक्षण बढ़ जाते हैं, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है।
क्या है अस्थमा(asthma )
अस्थमा होने पर सांस की नली (एयरवेज) में सूजन या इंफ्लेमेशन हो जाता है, जिसके कारण सांस की नलिका के पैसेज सिकुड़ जाते हैं. नलिका के पैसेज जब सिकुड़ जाते हैं, तो अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इसके अलावा सांस की नलिका के पास जो स्मूद मसल्स होते हैं, वे भी संकीर्ण हो जाती हैं।
अस्थमा अटैक आने पर (asthma attack )
- सीधे बैठ जाएं और शांत रहने की कोशिश करें। लेटना मत।
- हर 30 से 60 सेकंड में एक रिलीवर (relivar )या रेस्क्यू इनहेलर का एक पफ लें, जिसमें अधिकतम 10 पफ हों।
- यदि लक्षण खराब हो रहे हैं या 10 पफ के बाद भी सुधार नहीं हो रहा, तो इमरजेंसी मेडिकल(mediacal ) हेल्प लें।
यदि सहायता पहुंचने में 15 मिनट से अधिक समय लगता है, तो चरण 2 को दोहराएं
क्या है अस्थमा के लक्षण (What are the symptoms of asthma)
खांसना
घरघराहट
सांस की कमी
सीने में जकड़न