Mahasamund News : महासमुंद (Mahasamund)के मॉडल स्कूल स्वामी आत्मानंद स्कूल (Model School Swami Atmanand School)में 9वीं और 11वीं कक्षा के 50 प्रतिशत बच्चे फेल हो गये हैं। पूरे प्रदेश में मॉडल स्कूल (Model School )के रूप में देखे जाने वाले इस स्कूल में 50 प्रतिशत बच्चों के फेल हो जाने से बच्चों की पढा़ई किस तरह से हुई है यह सामने आ गया है। बच्चों के फेल होने के बाद से पालकों के बीच में हडक़म्प मचा हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh)ने सरकारी स्कूल(government school)में बच्चों को अंग्रेजी की शिक्षा देने के लिए पूरे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल (Swami Atmanand School)की शुरूआत की है लेकिन प्रारंभिक दौर में ही कमियां और खामियां नजर आने लगी है। स्वामी आत्मनंद के शिक्षकों का कहना है कि जिन बच्चों ने मेहनत नहीं किया वह बच्चे फैल हुए है और जिन्होंने मेहनत की वह पास हो गये हैं। वहीं पालकों का कहना है कि जब बच्चे इतने कमजोर थे तो साल भर शिक्षक (teacher)क्या कर रहे थे। इस दिशा में प्रयास क्यों नहीं किया गया।
हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन ने सभी बच्चों को स्कूल में शिक्षा मिले इसके लिए कक्षा पहली से 8 वीं तक के बच्चों को पास करने का नियम बना दिया है। वहीं पिछले दो साल से कोरोना काल के चलते बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में ठीक से नहीं हो पाई है। वहीं पालकों ने इस विषय पर कभी ध्यान नहीं दिया कि बच्चे आनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं के नहीं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों ने भी कभी यह नहीं देखा कि कितने बच्चे है जो आनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं। अब जब नतीजा सामने आया है जिसमें 50 प्रतिशत बच्चे फैल हो गये हैं। कक्षा नवमी में 40 छात्र-छात्राएं थे जिसमें से 20 बच्चे पास हुए, 12 बच्चे फेल और 8 सप्लीमेंट्री आये हैं। वहीं 11वीं कक्षा के बायोलॉजी में 40 बच्चे जिसमें 16 बच्चे पास, 11 फेल और 13 सप्लीमेंट्रीं हैं। 11 वीं गणित में 18 छात्र-छात्राएं है जिसमें 8 पास हुए, 8 फेल और 2 स्पलीमेंट्री, वहीं 11वीं कामर्स में 39 छात्र-छात्राएं है जिसमें 20 पास और 19 फेल हो गये है। बच्चों के इस तरह के रिजल्र्ट से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में मॉडल स्कूल कहने जाने वाले इस इंगिलश मीडियम स्कूल की क्या दशा है।
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स्वामी आत्मानंद स्कूल के 9वीं और 11वीं के बच्चों के इतने बड़े तादात में फ़ैल होने से सरकार द्वारा चलाई जाने वाली शिक्षा योजना की पोल खुल गई है। बेस लाईन सर्वे के अनुसार 35 प्रतिशत बच्चे उस योग्य नहीं है जिस योग्य उन्हें होने चाहिए। जो विद्यार्थी 11 क्लास में है उनकी आई क्यू लेबल 8 कक्षा के बच्चों के बराबर है। सर्वे के मुताबिक ही देखा जाय तो वर्तमान समय में जो शिक्षा दी जा रही है वह काफी नहीं है। अब तक इंवेस्टीगेशन में जो सामने तथ्य निकल कर आ रहे हैं वह यह है कि जो शिक्षक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा रहे हैं उन्हें ट्रेनिंग की आवश्यकता है। वहीं जो बच्चे के बौध्दिक स्तर को देखे बिना हर वर्ष पास करने की जो परंपरा बना दी गई है वहीं इस शिक्षा स्तर के लिये जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
स्वामी आत्मनंद स्कूल में जब बच्चों की भर्ती लाट्री सिस्टम से किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों को भर्ती करने से पहले उनकी बौध्दिक क्षमता की परख नहीं की जा रही है। इसके अलावा जो शिक्षक स्वामी आत्मनंद स्कूल में शिक्षक है उसमें ज्यादातर लोग हिन्दी माध्यम में पढ़ाई किये हुए है। इसके अलावा शिक्षकों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई कराने के लिए पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं दी गई है।