Technology News : देश में जल्द स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, एसी (Smartphone, Laptop, TV, AC)के साथ-साथ इम्पोर्टेड वॉच (Smartphone, Laptop, Smart TV, AC) महंगी होने वालें हैं। भारतीय यूजर्स के लिए कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में 5-7 प्रतिशत की बढ़ोतरी होना मुमकिन है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर ने गुरुवार (Thursday)को कहा कि चीन में लॉकडाउन के बीच कच्चे माल (raw material)की लागत में वृद्धि और शिपमेंट में देरी के कारण, उनके पास भारतीय यूजर्स (Indian users)के लिए कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में 5-7 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है। दरअसल चीन में चल रही कोविड स्थिति को देखते हुए दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग (Industry)को कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (एसपीपीएल) के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने आईएएनएस को बताया कि निकट भविष्य में, हम भारत में एक गंभीर स्थिति देखते हैं, अगर शिपमेंट में 4-5 सप्ताह की देरी जारी रहती है। उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कमी ने कीमतों में भारी अस्थिरता पैदा कर दी है और एक कंपनी के तौर पर हमें कीमतों में 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी भी करनी होगी।
स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, एसी के साथ-साथ इम्पोर्टेड वॉच महंगी होने वाली हैं। उद्योग के जानकारों का कहना है कि इन कंज्यूमर गुड्स की कीमतें 10 फीसदी तक भी जा सकती हैं। कोविड -19 महामारी के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पहले से ही हर तिमाही में कीमतों में 2-3 प्रतिशत की वृद्धि कर रहा है।
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इंडकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ आनंद दुबे के अनुसार, जब से महामारी शुरू हुई है, उद्योग सप्लाई चैन से जुड़े इश्यूज का सामना करना पड़ रहा है। दुबे ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने समस्या को और बढ़ा दिया है क्योंकि ये देश चिप्स के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख मटेरियल के सबसे बड़े उत्पादकों में से हैं। युद्ध की लंबी अवधि के परिणामस्वरूप और संकट और जटिलताएं हो सकती हैं।
आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के साथ, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों को भी दैनिक उपयोग के उत्पादों की कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर किया गया है। चीन में लॉकडाउन ने सभी उद्योगों में शिपमेंट में देरी की है और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।