उदयपुर। कांग्रेस पार्टी को नई गति और दिशा देने के लिए 13 मई से राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) शुरू हो चुका है। इस शिविर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा देशभर के 400 से ज्यादा कांग्रेसी नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। पहले दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए, अपने उद्घाटन भाषण में बड़े बदलावों के संकेत दिए। सोनिया गांधी ने साफ कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और ऐसे समय में लोगों को कांग्रेस से बड़ी उम्मीदें हैं। लेकिन पिछली नाकामयाबियों से आगे बढ़ने के लिए तत्काल कुछ ढांचागत बदलाव करने और काम करने के तरीके में सुधार लाने की जरूरत है।
हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं हैं, न ही हम बेखबर हैं उस संघर्ष से या उस संघर्ष की कठिनाइयों से जिससे हमें जीतना है : कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी#NavSankalpShivir pic.twitter.com/Jytak3zlvA
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
सोनिया गांधी ने क्या कहा?
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- हमें यह प्रण लेने की जरूरत है कि हम इकट्ठा होकर देश की राजनीति में अपनी पार्टी को उसी भूमिका पर लेकर जाएंगे जो सदैव रही है।
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- आप लोग यहां कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं और खूब सुझाव दीजिए, लेकिन बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए कि हम संगठन के तौर पर एक हैं।
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- पार्टी ने हम सभी लोगों को बहुत कुछ दिया है और अब हमारी बारी है कि उसका कर्ज लौटाएं।
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- अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धर्म के नाम पर माहौल खराब किया जा रहा है। बीजेपी और केंद्र सरकार यह सब कर रहे हैं। वे असुरक्षा का माहौल तैयार कर रहे हैं।
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- हम इन सब का असाधारण हालात में भी मुकाबला करें और असाधारण तरीके से मुकाबला करें। हमारा उत्थान सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा।
किन बदलावों पर हो रही है चर्चा?
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- कांग्रेस का टिकट लेने के लिए यह जरूरी होगा कि वह व्यक्ति कम से कम 5 साल पार्टी के लिए काम कर चुका हो। हालांकि परिवार का कोई और सदस्य यदि इस शर्त को पूरी करता हो तो उसे छूट रहेगी।
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- 50 साल से कम आयु के लोगों के लिए पार्टी के आधे पद रिजर्व रखे जाएंगे, ताकि पार्टी में अनुभव और युवा जोश का संतुलन बना रहे।
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- एक फैमिली, एक टिकट का फॉर्मूला लागू होगा। साथ ही एक बार पार्टी के पद पर रहने के बाद 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड भी होगा ताकि अन्य लोगों को मौका मिल सके।
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- अल्पसंख्यकों, दलितों एवं ओबीसी वर्गों के नेताओं के लिए 50 फीसदी का आरक्षण तय किया जाए।
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- महासचिव से लेकर, जिला अध्यक्षों, सांसदों, विधायकों और सभी प्रमुख संगठनों तक के तमाम कार्यक्रमों की सालाना आडिटिंग कराई जानी चाहिए।
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- पार्टी नेतृत्व के सामने मांग रखी गई है कि कांग्रेस अध्यक्ष हर हफ्ते एक दिन पार्टी के कार्यकर्ताओं से खुद मिले और उनसे संवाद करें।
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- कांग्रेस अध्यक्ष को एक ग्रीवांस सेल का गठन भी करना चाहिए जो कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मिलकर नेताओं और कार्यकर्ताओं के शिकायतों का निपटारा कर सके।
पहले दिन चिंतन शिविर में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों पर फोकस किया गया। टिकट देने को लेकर क्या प्रक्रिया रहेगी, इसे लेकर भी बड़े नेताओं के बीच बेहद गोपनीय विचार विमर्श हुआ। देश के चुनिंदा राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में राजस्थान सरकार से सोनिया गांधी को बेहद उम्मीद है। राजस्थान में जिन सीटों पर हार हुई, उसकी समीक्षा भी की गई।