2566 वीं जयंती पर सामूहिक बुद्ध वंदना की
गरियाबंद- विश्व को करुणा, मैत्री, शांति, अहिंसा, समता, बंधुता, न्याय और स्वतंत्रता का संदेश देने वाले कारुणिक तथागत बुद्ध की जयंती व हषोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर आंबेडकर नवयुवक मंडल, भारतीय बौद्ध महासभा,के तत्वावधान में सोमवार को शाम 5 बजे बुद्ध विहार गरियाबंद में तथागत भगवान बुद्ध की 2566 वी जयंती हर्ष और वैचारिक स्तर पर मनाई गई।
इस अवसर पर देवभोग रोड स्थित प्रस्तावित बौद्ध विहार में ध्वज व पंचशील धम्मध्वज का ध्वजारोहण कर सामूहिक रूप से बुद्ध वंदना ली गई। और साथ ही खीर का वितरण भी किया गया इस अवसर पर अनुयायियों की उपस्थिति में अध्यक्ष सुजीत कुटारे ने बताया कि करोड़ों शोषित पीड़ित, सर्वहारा वर्ग व नारी जाति के मुक्तिदाता भारतीय संविधान के शिल्पकार डा बाबासाहब आंबेडकर के बताए अनमोल मार्गो, विचारों को अंगीकार कर कार्यो में बुद्ध होने चाहिए।
उक्त उद्गार बुद्ध जयंती कही । आंबेडकर चौक से देवभोग रोड पर स्थित प्रस्तावित बौद्ध विहार तक पथ संचलन कर भवन में मोमबत्ती प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण पुष्प अर्पित कर सामुहिक बुद्ध वंदना हुई। वहीं बुद्ध की जयंती वैशाख पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर सभी को हार्दिक मंगलमय बधाइयां प्रेषित की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बौद्ध आंबेडकर अनुयाई महिला पुरुष, युवा आदि मौजूद
1. मान्यता के अनुसार जब भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उसके बाद उन्होंने अपना व्रत खीर खा कर ही खोला था. यही कारण है कि इस दिन हर घर में खीर बनाई जाती है.
2. बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध मंदिरों को फूलों से बेहद खूबसूरत अंदाज में सजाया जाता है और भगवान बुद्ध की प्रार्थना के लिए आयोजन किया जाता है.
3. बुद्ध पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले पूजा स्थल पर एकत्र होकर प्रार्थना व नृत्य किया जाता है. वहीं कुछ जगहों पर बुद्ध पूर्णिमा के दिन शारीरिक व्यायाम और परेड भी की जाती है.
4. बुद्ध पूर्णिमा के दिन मंदिर और धार्मिक स्थलों पर सूर्योदय होने के बाद बौद्ध धर्म का झंडा फहराया जाता है.
5. इस दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व माना गया है. साथ ही बौद्ध मंदिर में भक्तगण उत्सव का आयोजन लोगों को मुफ्त सुविधा प्रदान करके भी करते हैं.
6. मान्यता के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन अधिकतर लोग पिंजरे में कैद पक्षियों और जानवरों को आजाद कर इस उत्सव को मनाते हैं.
7. अन्य देश की बात करें तो श्रीलंका में इस दिन को ‘वेसाक’ उत्सव के रूप में मनाया जाता है. जो वैशाख शब्द का अपभ्रंश है.
8. इसके अलावा इस दिन बौद्ध घरों को फूलों से सजाकर दीपक जलाए जाते हैं.
9. विश्व भर से इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया आते हैं और भगवान गौतम बुद्ध की पूजा करते हैं.
10. मान्यता के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के धर्म ग्रंथों का लगातार पाठ किया जाता है.
सुजीत कुटारे सुरेंद्र सोनटेके किशोर रामटेके बिवेक टेमरे मुकुंद कुटारे संजीव सोनटेके भगवंत कुटारे गिरधर गजभिए गौरव कुटारे छगन पचबिए गोरेलाल गणवीर नारद मेश्राम देवेश सुखदेवे तुषार डोंगरे छाया मेश्राम प्रेमलता डोंगरे माया धारगवे लक्ष्मी रामटेके पदमा भावे गंगा बोरकर कल्पना भावे जमना गजभिए संगीता पाटिल