रायपुर। परसा कोल परियोजना के खिलाफ हरिहरपुर (Hariharpur) में चल रहे स्थानीय ग्रामिणों का अनिश्चितकालीन धरने का कल 75 वॉ दिन रहा, जिसका समर्थन देने रायपुर से पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ग्रीनआर्मी आफ रायपुर भी शामिल हुई। संस्था के इस मुहीम में सदस्यों ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया और हरिहरपुर पहुंचकर विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। जिसके पश्चात धरना स्थल पर स्थानीय ग्रामिणों का समर्थन भी किया। संस्था के इस मुहिम का साथ देने सिनीयर सिटीजन ने भी बढ-चढ़कर हिस्सा लिया।
संस्था के सदस्यों का कहना है कि हसदेव जंगल को बचाना नितांत आवश्यक है, अगर इसे नही बचाया गया तो इसका नुकसान स्थानीय निवासीयों के साथ पुरे देश को होगा। ज्ञात हो ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर विगत 6 वर्षो से पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य कर रही है। संस्था को जैसे ही ज्ञात हुआ कि परसा कोल परियोजना के लिये एक दो नही बल्कि हजारों की संख्या में जंगल के वृक्षों की बलि दिया जा रहा है, तत्काल 50 सदस्यी टीम का गठन कर हरिहरपुर के लिये रवाना हुए। जहां संस्था के सदस्यों द्वारा आस पास 1 किलोमिटर घंने जंगल का निरीक्षण किया गया। जंहा पाया गया कि एक दो नही बल्कि हजारों की संख्या में पेड़ो की बली चढा दी गई है।
जिसके लिये संस्था स्थानीय ग्रामिणों का अनिश्चितकालीन धरने का कल 75 वॉ दिन समर्थन भी किया। स्थानीय निवासीयों से प्राप्त जानकारी अनुसार परसा कोल परियोजना शुरूआत की सभी प्रकिया पूर्ण हो चुकी है। ग्रामिणों का कहना है जंगल ही नही रहेगा तो हमारा जिवन तो समाप्त हो जायेगा। यहां जंगली जानवर एवं विलुप्त प्रजाती के जिव जन्तु भी रहते है जो कि समाप्त हो जायेगा। ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर पेडों की कटाई के विरोध में कल स्थानीय ग्रामिणों का समर्थन देने रायपुर से हसदेव पहुंचा जिसमें संस्था के 15 जोन पदाधिाकारीयों के साथ पर्यावरण प्रेमि सिनियर सिटीजन एवं संस्था के सभी सदस्यों ने भरपूर सहयोग किया जिसके लिये संस्था के संस्थापक ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगेां का आभार व्यक्त किया है।