राजनांदगांव। शहर की सिद्ध शक्तिपीठ मां पाताल भैरवी मंदिर में जन कल्याण के लिए 10 महाविद्याओं की महापूजा आयोजित आज कन्या पूजन और भंडारा महाप्रसादी के साथ संपन्न हुई। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत (Charan Das Mahant, Speaker of Chhattisgarh Legislative Assembly) भी शामिल हुए। महा पूजा का आयोजन कुलबीर सिंह छाबड़ा (Kulbir Singh Chhabra) सहित शिष्य परिवार के श्रद्धालु गणों ने किया था।
राजनांदगांव शहर के बर्फानी धाम स्थित मां पाताल भैरवी के मंदिर में भूलोक पर विराजित मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दसमहाविद्या की महापूजा 1 मई से 16 मई तक आयोजित की गाई थी। विगत 12 वर्षों से जन कल्याण के लिए यह पूजा बर्फानी दादा जी ने शुरू की थी। इस महापूजा के 12 वां वर्ष पूर्ण होने पर बर्फानी दादा जी के परम भक्त शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा और शिष्य परिवार ने आज इस पूजा को संपन्न कराया।
इस महापूजा के संपन्न अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरणदास महंत, खुज्जी क्षेत्र की विधायक छन्नी साहू और पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा भी शामिल हुए। इस दौरान उन्हें मां पाताल भैरवी मंदिर की महिमा का बखान किया।
16 दिनों तक मां पाताल भैरवी मंदिर परिसर में राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दसमहाविद्या का महानुष्ठान कुलबीर सिंह छाबड़ा और शिष्य परिवार के द्वारा किया गया। जिसमें प्रतिदिन 10 महाविद्याओं की महापूजा, हवन, माताजी का अभिषेक सहित विभिन्न अनुष्ठान किये गए। इसके साथ ही आज 16 मई को 3000 से अधिक कन्याओ का चरण पूजन, वंदन के साथ भंडारा महाप्रसादी का आयोजन भी किया गया , जहां हजारो श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से पहुंचकर भंडार प्रसादी ग्रहण किया। इस अवसर पर सभी कन्याओं को कुलबीर सिंह छाबडा़ द्वारा उपहार भेंट भी किया गया।
इस विशेष अनुष्ठान को लेकर कुलबीर सिंह छाबडा़ ने कहा कि पूरे बर्फानी आश्रम परिवार ने मिलकर इस पूजा को किया और दादा जी के आशीर्वाद से यहां पूजा संपन्न हुआ। इस महा पूजा में कुलबीर सिंह छाबड़ा की छोटी बहन डिंपल कालरा ने भी पूरा सहयोग किया और कन्या पूजन की बागडोर इन्होंने ही संभाली।
16 दिवसीय इस महापूजा के दौरान मां पाताल भैरवी मंदिर में 10 महाविद्या पुरश्चरण महा अनुष्ठान के तहत बैशाख शुक्लपक्ष 1 मई को महापूजा आरंभ किया गया था। इस महापूजा को लगभग 60 पंडितों ने संम्पूर्ण कराया। जिसमें श्रीविद्या सिद्धलक्ष्मी गणपति पूजन, माँ पातालभैरवी पूजन, रूद्राभिषेक , श्रीहनुमद् पूजन पश्चात श्रीकाली महाविद्या अनुष्ठान, श्रीतारा महाविद्या अनुष्ठान, श्रीषोडशी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीभुवनेश्वरी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीत्रिपुर भैरवी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीछिन्नमस्ता महाविद्या अनुष्ठान, श्रीधूमावती महाविद्या अनुष्ठान, श्रीबगलामुखी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीमातंगी महाविद्या अनुष्ठान, श्रीकमला महाविद्या अनुष्ठान, द्वादश ज्योतिर्लिंग अनुष्ठान, श्रीभैरव अनुष्ठान विधिविधान निरंतर मंत्र उच्चारण, हवन, पूजन, अभिषेक और यज्ञ से संपन्न हुआ।