देश के सबसे बड़े आईपीओ (LIC IPO) में लाखों लोगों ने पैसे लगाएं हैं। इनमें लाखों एलआईसी पॉलिसीहोल्डर्स (LIC Policyholders) भी शामिल हैं। आशंका है कि इस आईपीओ की लिस्टिंग (LIC IPO Listing) पर निवेशकों को निराशा हाथ लग सकती है। मौजूदा बाजार परिस्थितियां तो यही बता रही हैं। पीएम मोदी (PM Modi) की सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम में हिस्सेदारी बेचकर 2.7 अरब डॉलर जुटाए हैं।
एलआईसी के पॉलिसीधारकों (LIC policyholders) और खुदरा निवेशकों (Retail Investors) को क्रमश: 889 रुपये और 904 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर मिलेंगे। शेयर 17 मई को बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर सूचीबद्ध होंगे। एलआईसी का आईपीओ नौ मई को बंद हुआ था और 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को लिस्टिंग डे पर शेयर बेचने की बजाय लंबी अवधि के लिए बने रहना चाहिए।
क्या कहते है expert
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एलआईसी के शेयर में निवेशकों को लंबी अवधि का लक्ष्य रखना चाहिए। Swastika Investmart में सीनियर एनालिस्ट आयुष अग्रवाल ने कहा कि एलआईसी की लिस्टिंग सपाट रह सकती है। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने, एफआईआई आउटफ्लो, करेंसी में कमजोरी, भूराजनीतिक कारणों और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से व्याप्त चिंताओं के कारण बाजार में भारी उतारचढ़ाव देखने को मिल रहा है।