मधुमेह में भोजन का विशेष योगदान होता है। इस बात का रोगी को हमेशा ध्यान रखना चाहिए। भेजन के विषय में निम्नलिखित बातें महत्वपूर्ण है। इस पर विचार अवश्य करना चाहिए।
खुराक का मतलब कम खाना नहीं बल्कि इसका अर्थ है भोजन को इस तरह से करना कि सभी पोषक तत्वों का समावेश हो और रोगी का वजन संतुलित रहे।
अधिक कैलारी वाले भोजन से बचना चाहिए। सामान्यतः 1500 कैलारी की खुराक पर्याप्त है।
रेशेवाले पदार्थ अधिक से अधिक लेना चाहिए। रेशे वाले पदार्थाे से आतें साफ रहती है और पाचन प्रणाली ठीक रहती है। रेशे वाले पदार्थ पानी सोखकर रखते है। इसलिए मल मुलायम रहता है। इन पदार्थाे में दाल और फली वाले भोजन में रेशे अधिक मात्रा मंे होते हैं । रेशों के कारण इन्सुलिन का शरीर में उचित उपयोग होता है। इसलिए रोगियों को अधिक से अधिक मात्रा में रेशे वाले फल या सब्जियां खानी चाहिए। जैसे सेम की फली, गेहंॅू के आटे से बनी ब्रेड, कॉर्नफलैक्स, मटर की फली, उबला हुआ आलू, गाजर, भिण्डी, टमाटर आदि।
मधुमेह के वे रोगी जिनको इन्सुलिन लेनी होती है और वे जिनको अतिरिक्त दवाएं लेते हैं उन दोनों की खुराक अलग-अलग होती है । इन्सुलिन पर जीवित रहने वाले मधुमेह के रोगियो को भोजन से उतनी कैलोरी अवश्य मिलनी चाहिए जितनी उनकी आवश्यकता है ।
भोजन में कार्बाेहाइड्रेटस, प्रोटिन, और वसा होने चाहिए क्योंकि ये ऊर्जा प्रदान करते हैं भोजन में विटामिन और लवणों का होना भी जरूरी है क्योकि ये शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं । रोगी को बहुत अधिक कैलारी वाला भोजन नहीं करना चाहिए।
शरीर में बनने वाली इन्सुलिन कार्बाेहाइड्रेट, वसा और प्रोटिनों को जमा करके रखती है। और जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल होने देती है।
भोजन के बाद इन्सुलिन की मदद से अधिकांश कार्बाेहाईड्रेट लिवर में जमा हो जाते है और अगले भोजन के बीच के समय में लिवर ग्लूकोज पैदा करता है जिससे रक्त में मौजूद शक्कर एक स्तर से नीचे न गिरे
इंन्सुलिन का मुख्य कार्य है कि लिवर अत्यधिक ग्लूकोज पैदा न करे । और रक्त में शर्करा का स्तर बना रहे।
अगर इन्सुलिन की कमी के कारण शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और संचरित कार्बाेहाइड्रेट टूटने लगता है तो रक्त में अम्लीय किटोज बॉडीज बढ़ जाती है इससे मधुमेह रोगी बेहोश हो सकता है ।
वजन नियंत्रण से इन्सुलिन की क्रिया बढ़ जाती है । वजन ज्यादा होने के कारण शरीर की कोशिकाओं की दीवारों में इन्सुलिन की संख्या कम होती जाती है।
आधा किलोग्राम वसा में लगभग 3500 कैलोरी ऊर्जा होती है। यदि आप अपनी खुराक पर नियंत्रण रखते हैं तो प्रति सप्ताह आपके शरीर में 500 कैलोरी कम जाएगी । यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है।
अब बात करते हैं क्या खान और क्या नहीं खाना चाहिए
क्या खाना चाहिए
क्रित्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थ
हरी सब्जियां जिनमें रेशे बहुत हों जैसे कटहल, पालक, मैथी, बथुआ, फेंचबीन्स, बैंगन, भिण्डी, बन्दगोभी, फूलगोभी, गाजर, सोयाबीन आदि
चोकर सहित गेहॅूं का आटा
क्रीम निकला हुआ दूध, उससे बनाई हुई दही और पनीर।
रिफाइंड तेल, तंदूरी रोटी
हल्का खट्टा संतरा, तरबूज, सेब आदि।?
अण्डे की सफेदी। अत्यंत कम मात्रा में ब्राण्डी ले सकते है।
और करेला, मेथी, लहसुन, सोयाबीन,नीम आदि
आहार इस प्रकार का लेना चाहिए कि आपका वजन न बढ़े और इसके लिए अपने आहार में ध्यान रखें कि कम कार्बाेहाइड्रेट और वसा वाले भोजन ही करें जैसे पालक, पत्ता गोभी , मूली, धनिया, मेथी बथुए का साग, पुदीना, सरसों का साग, आदि बहुत उपयोगी सब्जियां है। वैसे ही फूल वाली सब्जियों में जैसे फूलगोभी, बैंगन, लौकी, करेला पेठा, ककड, शलजम, वाकला,तोरई,शिमला मिर्च
गांठ गोभ, टिण्डा, हरा टमाटर, सीताफल, सेम मशरूम,
क्या नहीं खाना चाहिए।
स्टार्च युक्त सब्जियां जैसे अरवी, बिना उबला हुआ आलू
मैदा, चांवल
क्रीम वाला दूध, और ऐसे दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर,क्रीम खोया
घी, मक्खन, तथा घी से बने व्यंजन। अधिक मीठे फल-केला, चीकू, अंगूर, लीची, आम आदि न खाएं।
अण्डे की जर्दी, कीमा, हेम, लिवर का मांस, गुर्दे का मांस
शराब और बीयर भूल कर भी न पींए।
मधुमेह के रोगियों को सबसे पहले अपना वजन नियंत्रित करना होता है अतः उन्हें इस प्रकार आहार लेना चाहिए। जिससे उसका वजन नियंत्रित रहे यानि उसका वजन न बढ़े । इसके लिए बहुत ही कम कार्बाेहाईड्रेट वाले आहार लेना चाहिए ।
इसके लिए आप अपने आहार में पत्तेदार सब्जियों का चयन करें जैसे पालक, पत्ता गोभी, मूली, धनिया, मेथी, बथुए ाका साग, पुदीना, सरसों का साग आदि बहुत ही उपयोगी है। फूलवाली सब्जियों में फूलगोभी, बैगन, लौकी, करेला, पेठा, ककड़ी, शलजम, वाकला, तोरई, शिमला मिर्च, गांठ गोभी, टिण्डा, हरा टमाटर, सीताफल,सेम मशरूम, हरी मिर्च आदि बहुत उपयोगी सब्जियां हैं
तीसरे वर्ग में वे आहार आते हैं जिनमें 10 से 15 प्रतिशत कार्बाेहाईड्रेटस और 0.2 से 1 प्रतिशत वसा होती है इनमें छोटा करेला, कच्चा केला, मीठा नीम, चने का साग, सोया का साग, गाजर, ज्याज, अदरक, ग्वार की फली आदि सब्जियां आती है।
अधिक कार्बाेहाईड्रेटस जिसमें 15 से 30 प्रतिशत तथा कम वसा 0.3 से 0.9 प्रतिशत वसा होते है। वे हैं सेम, मटर, अरहर की फली, हलसुन, जिमीकन्द, अरबी, आलू, आदि आते हैं ।
फल नाशपाती, तरबूज, खरबूजा तथा टमाटर का सेवन करना चाहिए। वे संतरा आंवला, नींबू भी खूब खा सकते हैं।
अत्यधिक वजन बढ़ गया हो ता उसे घटाने वाले आहार
आहार में संयम बरते बिना शरीर का वजन घटना संभव नहीं । चाहे कितना भी व्यायाम, योग और परिश्रम कर लें, यदि चर्बी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ कम न किये तो इसका कोई लाभ नहीं।
भोजन कम लेना उपाय नहीं, बल्कि भेजन को बदल देना श्रेष्ठ है । सच तो यह है कि जिस प्रकार का भोजन करते चलें आए है उसी से तो वजन बढ़ा है। उतः उसमें जब तक परिवर्तन नहीं होगा। आपकी समस्या हल नहीं होगी वजन घटाने वाले खाने पीने की चीजों का दृढ़ता से पालन करना ज़रूरी है। यहां हम एक आम इंसान के वजन को लेकर कुछ आहार सूचि के बारे में बता रहें है और इसका दृढ़ता से पालन किया जाय तो आपको अपना वजन घटाने में काफी मदद मिलेगी।