गरियाबंद- किराना व्यपारी संघ के अध्यक्ष प्रतिष्ठित समाज सेवी हरीश भाई ठक्कर एवं उनकी धर्मपत्नी भावना बेन ठक्कर ने गरियाबंद वृद्धाश्रम पहुंचकर अपने विवाह की 44 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई और बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। वरिष्ठ सेवाभावी ठक्कर दंपति ने भीषण गर्मी के मद्देनजर बुजुर्गों की सुविधा का ध्यान रखते हुए, ठंडे पानी का शर्बत पिलाया साथ ही उन्होंने सभी बुजुर्गों को मिठाई वितरण किया। आश्रम के बुजुर्गों एवं स्टाफ के अन्य सदस्यों के साथ ठक्कर दंपति ने गीत, संगीत के माध्यम से सभी का मनोरंजन किया, 66 वर्षीय हरीश भाई ठक्कर किराना व्यपारी संघ के अध्यक्ष है वे एक समाज सेवी भी है इनके द्वारा कोरोना काल में किया गया कार्य आज भी लोग याद करते है 66 वर्ष के उम्र में भी वे गाँव गाँव जा कर लोगों को राशन पहुँचाया गरीब मज़दूर असाहाय लोगों का सहारा बने भूखों को खाना खिलाया जहां रोड रास्ते नहि बने है वहाँ भी ये राशन पहुँचा कर आए हरीश भाई द्वारा कई अन्य समाज सेवा का कार्य किया जाता है
उनके समिति के द्वारा कई वर्षों से अस्पताल में आए मरीज़ के साथ उनके परिजनो को निशुल्क भोजन वितरण किया ज़ाता है मानव जीवन से ले कर इंसान की ज़िंदगी की आख़िरी स्थान मुक्तिधाम तक इनकी सेवा हमेशा से ज़िलेवासीयो के लिए एक वरदान के जैसे साबित हुआ है सरल सहज स्वभाव के व्यक्ति हरीश भाई कहते है अगर इंसान इंसान के काम ना आए तो कैसे समाज का विकास होगा मेरी उम्र 66 वर्ष है और मै आख़िरी साँस तक लोगों की सेवा करते रहूँगा मुझे भगवान ने इस लायक़ बनाया की मै किसी के काम आ सकूँ या मेरी वजह से किसी का भला हो जाए तो ये मेरे लिए सबसे बड़ा सुख मेरी जीवन की असली पूँजी है,
वही उनकी धर्मपत्नी भावना बेन एक गृहणी है साथ ही वो भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर समाज में सेवा कार्य में साथ देती है एक वक्त ऐसा भी आया जब इन बुजुर्ग दंपति कोरोना काल में सेवा करते हुए कोरोना के गिरफ़्त में आ गए पर इन्होंने में हार नहि मानी और कोरोना से जंग जीत कर वापस आए और लोगों की सेवा निरंतर लगे रहे 66 वर्ष की उम्र में इन बुजुर्ग दंपतियो का समाज के प्रति सेवा भाव जिलेवसीयो के लिए एक मिसाल बना हुआ है
बुजुर्गों को मिला उत्सव मनाने का मौका:
वृद्धाश्रम में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग का कहना है आज तारे परिवार और उनके मेहमान हम बुजुर्गों के बीच आये हुए हैं. यह दिन बहुत ही ख़ास और अच्छा रहा. हम सबके लिए अच्छे खाने-पीने का इंतजाम हुआ. हम सबने उत्सव मनाया.
सभी बुजुर्गों ने तहे दिल से तारे दम्पति का शुक्रिया अदा किया और उनकी ख्वाहिश है कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए. इससे उन्हें भी समाज का हिस्सा होने का अहसास होता रहेगा. वहीं ठक्कर दंपति का कहना है कि उन्होंने समाज जागरण का निर्णय लिया है. उनका उद्देश्य ऐसे बुजुर्ग माता-पिता के बीच खुशियां बांटना है जिन्हें उनके बच्चों ने छोड़ दिया है.
वह अन्य लोगों से भी ऐसा करने की अपील करते हैं ताकि इन बुजुर्गों के मन में कोई हीं भावना न आए.
इस अवसर पर वृद्धाश्रम के संचालक कोमल साहू ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वैवाहिक वर्षगांठ पर बुजुर्गों का आशीर्वाद सदैव फलीभूत होता है।