रायपुर। बेमियादी हड़ताल पर बैठे मनरेगा (MANREGA) के अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत मनरेगा के 21 सहायक परियोजना अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। मनरेगा कमिश्नर की तरफ से इस बाबत सहायक परियोजना अधिकारी की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है।
नियमित भर्ती के बताई वजह
मनरेगा आयुक्त द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनातर्गत सहायक परियोजना अधिकारी के पद पर लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थपना किये जाने के फलस्वरूप सहायक परियोजना अधिकारी (संविदा) की आवश्यक्ता नहीं होने के कारण सहायक परियोजना अधिकारी (संविदा) की सेवाएं “ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्त) नियम 2012 की कंडिका 11(5) के अनुसार एक माह का वेतन देकर समाप्त की जाती है।
19 जिलों में की गई नियुक्ति
मनरेगा कमिश्नर कैशर अब्दुल हक़ के आदेश पर 19 जिलों में नये सहायक परियोजना अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी गयी है। एक साथ इतनी बडी संख्या में मनरेगा आंदोलनकर्मियों की बर्खास्तगी की खबर से हड़कंप मचना लाजिमी है।
आश्वासन के बावजूद जारी है हड़ताल
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेश भर के मनरेगा के अधिकारी, कर्मचारी व रोजगार सहायक 04 अप्रैल से हड़ताल पर हैं। 29 अप्रैल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से डेलिगेशन टीम की मुलाकात के बाद 6 मई को पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है। बावजूद इसके कर्मचारी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं हैं, जिसके चलते प्रदेश भर में मनरेगा का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।