Surajpur News : सूरजपुर(Surajpur) के भटगांव(Bhatganv)एसईसीएल के बंद पड़ी खदान (mine)में कोयला चोरी (coal theft)की नियत से गए दो ग्रामीण की चट्टान धंसने(rock collapse) से मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस (police)मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। इस पूरे मामले में SECL प्रबंधन और पुलिस प्रशासन एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। वही यूनियन (union)के पदाधिकारी और स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
कोयला चोरी के लिए बदनाम भटगांव इलाका फिर से एक बार सुर्खियों में है। कोयला चोरी के प्रयास में दो ग्रामीणों की मौत के मामले ने फिर से क्षेत्र में हो रही कोयला चोरी के आरोपों को बल दिया है। दरअसल गुरुवार की देर रात दो ग्रामीण SECL के दुग्गा OCM खदान में कोयला चुराने के लिए खुद बनाए हुए सुरंग में गए हुए थे तभी एकाएक चट्टान उन दोनों के ऊपर गिर गया जिसकी वजह से मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। फिलहाल पुलिस दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में जुट गई है।
आपको बता दें कि जिस कोयला खदान में यह घटना हुई है वह पिछले कई सालों से बंद पड़ी थी। और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एचपीसीएल प्रबंधन और पुलिस दोनों की है। वही स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में लंबे समय से एसईसीएल और पुलिस के संरक्षण में अवैध कोयले का कारोबार चल रहा है। जिसकी वजह से अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। आरोप है कि 24 अप्रैल को भी एक ग्रामीण की मौत कोयला चोरी के दौरान हुई थी। लेकिन इस मामले को वही दबा दिया गया। स्थानीय लोग और एसईसीएल के यूनियन के पदाधिकारी लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि शासन प्रशासन के द्वारा अवैध कोयला चोरी पर प्रतिबंध लगाया जाए। ताकि इन मासूम ग्रामीणों की जान बचाई जा सके।
also read: Surguja News :जाति प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण अनुसूचित जनजातियों के लोगो को हो रहीं परेशानियां
इस पूरे मामले मैं हमने एसईसीएल प्रबंधन से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया बावजूद इसके उन की तरफ से इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से साफ तौर पर मना कर दिया गया। SECL प्रबंधन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है, वहीं पुलिस विभाग कार्यवाही करने की बजाय ग्रामीणों को समझाइश देने की बात कह रही है और SECL प्रबंधन को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
सूरजपुर जिले में कोयला चोरी कोई नई बात नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि SECL प्रबंधन के पास सुरक्षा गार्डो की एक फौज है और स्थानीय पुलिस थाने में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती है। बावजूद इसके लगातार इस क्षेत्र में चोरी की घटनाएं आम बात है। आखिरकार सवाल यह है कि आखिर कब तक कोयला माफिया कुछ पैसों का लालच देकर इन ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे और क्यों इन कोयला माफियाओं पर पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन रोक नहीं लगा पा रहा है??