रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले और सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले 4 जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को निर्देश दिए हैं कि अर्थदंड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें।
लोकतंत्र में पारदर्शी शासन व्यवस्था की यह निशानदेही होती हैं, कि उनके सभी नागरिकों को शासन व्यवस्था की सम्पूर्ण गतिविधियों की सूचना प्राप्त करने का मौलिक अधिकार हो। सूचना का अधिकार का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जागरूक नागरिक को उनकी इच्छित सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध करवाना है। यदि कोई विभाग अथवा संस्था जानकारी देने से इनकार करता हैं, तो उनके विरुद्ध सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इस अधिनियम की मदद से सभी नागरिकां को सूचना सम्पन्न बनाना, सरकार की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और अधिक उतरदायी शासन व्यवस्था की ओर ले जाना हैं। सूचना किसी भी रूप में हो सकता है, प्रिंट मीडिया, मॉस मीडिया, वेब मीडिया ईमेल, जनमत, रिपोर्ट, कागज, संवाद, रिपोर्ट और आकड़े, एडवर्टाइजिंग के रूप में हो सकता है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत के. एस. क्षत्री नगर पालिक निगम कॉलोनी कोरबा ने जन सूचना अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा एक सितंबर 2016 को आवेदन देकर ग्राम पंचायत बेंदरकोना जनपद पंचायत कोरबा को शासकीय योजनान्तर्गत जनवरी 2015 से 15 अगस्त 2016 तक आबंटित राशि एवं कार्यो की सूची की मांग किया था। जानकारी समय में प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपील किया किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय नहीं दिए जाने से आयोग में द्वितीय अपील किया। राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने आयोग में सुनवाई के लिए जनसूचना अधिकारी को बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी आयोग को कोई जवाब नहीं प्रस्तुत किया। आयेग की तरफ से जिला पंचायत कोरबा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छ.ग. शासन के माध्यम से जनसूचना अधिकारी को निर्देशित किया गया कि आवेदक को चाही गई जानकारी निःशुल्क पंजीकृत डाक से प्रदाय कर पावती प्रस्तुत करें। आयोग के द्वारा जारी नोटिस के बाद जनसूचना अधिकारी डॉ. आराध्या कमार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा कोई जवाब नहीं देने के कारण त्रिवेदी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को निर्देशित किया गया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें।
एक अन्य प्रक्ररण में शिकायतकर्ता रामकुमार यादव केदारपुर अंबिकापुर ने जनसूचना अधिकारी वन संरक्षक सरगुजा वृत अंबिकापुर के द्वारा आयोग के प्रक्ररण क्रमांक ए/3727/2017 में दिए आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी वन संरक्षक सरगुजा वृत अंबिकापुर जाधव श्रीकृष्ण द्वारा शिकायतकर्ता को जानकारी से वंचित रखा, जिस पर आयुक्त त्रिवेदी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। साथ ही धारा 19 (8) (ख) के तहत 500 रूपए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने आदेश पारित किया गया। आवेदक रामेश्वर ठाकुर टी पी नगर कोरबा ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत मुढुनारा जनपद पंचायत कोरबा को 28 नवंबर 2017 का आवेदन देकर एक फरवरी 2015 से 30 नवंबर 2017 पंचायत में पारित प्रस्ताव बैक से राशि आहरण कर हितग्राहियों का नाम, पता जिसे भुगतान किया गया उसकी रसीद या चेकबुक की छायाप्रति की मांग किया। जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपील किया और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा निर्णय नहीं दिए जाने के कारण आयोग में द्वितीय अपील किया। आयोग में सुनवाई के लिए जनसूचना अधिकारी को बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी आयोग को कोई जवाब नहीं प्रस्तुत किया। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी पर अधिनियम की धारा धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया।
अपीलार्थी विवेक चौबे कवर्धा ने ग्राम पंचायत शीतलपानी के जनसूचना अधिकारी को 25 नवंबर 2016 का आवेदन कर एक जनवरी 2014 से 30 अक्टूबर 2016 तक पंचायत के आय-व्यय की रोकड़ बही की छायाप्रति की मांग की। जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपील किया और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा निर्णय नहीं दिए जाने के कारण आयोग में द्वितीय अपील किया। आयोग में सुनवाई के लिए तत्कालन जनसूचना अधिकारी लखन लाल मरावी को बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी आयोग को कोई जवाब नहीं प्रस्तुत किया।
आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी पर अधिनियम की धारा धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम को निर्देशित किया गया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि की वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें।