जांजगीर-चांपा। जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र (Malkharoda Police Station Area) के ग्राम पिहरौद में बोरवेल में गिरे 12 वर्षीय राहुल साहू (12 year old Rahul Sahu fell in borewell) अभी सुरक्षित है। हाथ पैर हिलाने से लोगों ने जयकारे भी लगाए। 3 घंटे बाद बच्चे ने संकेत दिया है। वहीं परिजन भगवान से दुआ मांग रहे हैं। इस घटना को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने गंभीरता से लिया है। एक तरफ बच्चे के बचाव अभियान पर नजर रखे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के तमाम जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को खुले बोरवेल को तत्काल बंद करने के लिए निर्देश जारी किया हैम।
खुले बोरवेल को तुरंत बंद करने के निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सभी कलेक्टरों और एसपी को निर्देश जारी कर सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी बोरवेल खुला न हो, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती है. ऐसे बोरवेल को तुरंत बंद करें. इसके अलावा जिलों में नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ट्वीट जारी कर बताया कि राहुल साहू को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कल शाम से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। राहुल तक पहुंचने में अभी 5-6 घंटे का वक्त लग सकता है. बच्चे को केला और जूस पहुंचाया गया है, और परिजन से भी बात कराई जा रही है, जिससे उसका मनोबल बना रहे. मुख्यमंत्री ने राहुल की कुशलता की प्रार्थना करते हैं।
यही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से जांजगीर-चांपा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर मालखरौदा ब्लॉक के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे राहुल साहू को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्य की जानकारी ली. मुख्यमंत्री बघेल ने बालक राहुल साहू के माता-पिता से बात कर उन्हें राहुल की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा शासन प्रशासन राहुल की सकुशल वापसी के लिए लगा हुआ है. आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल को बाहर निकालने के लिए मौके पर NDRF और SDRF की टीम मौजूद हैं. विशेषज्ञों को इस कार्य में लगाया गया है. मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और एसपी को राहुल के रेस्क्यू के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि प्रयासों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
पत्थर आ जाने से खुदाई का काम धीमा
मेजर सूरी ने बताया कि पत्थर आ जाने से खुदाई का कार्य धीमी गति से चल रहा है. ब्लास्ट करने में खतरा है. बोरवेल में केसिंग नहीं है. बच्चे की ओर से ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है.