गरियाबंद- |सोशल मीडिया की भूमिका अब समाज का मुख्य अंग बन चुकी है। यह न केवल परिवार, समाज तक सीमित है बल्कि अब नौकरी और व्यवसाय में भी इसकी अहम भूमिका है। सबसे यहां तक कि जरूरतमंदों की मदद में तक इस सोशल मीडिया का अहम योगदान है।
गरियाबंद शहर में ही एक ऐसे वाट्स एप ग्रुप हैं जो कि न कि हर समय समाजसेवा और जन जागरुकता के लिए कार्य कर रहे हैं। गरियाबंद शहर में जिंदगी से जूझ रहे लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं। आज इसी कड़ी में कान्हा क्लब के खिलाड़ियों ने अस्पताल स्टाफ के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल वितरण किया साथ ही मरीजों और उनके तीमारदारों से अस्पताल में मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। सुबह करीब ९ बजे खिलाड़ियों ने अस्पताल पहुच कर दो खिलाड़ियों ने रक्तदान भी किया इसके बाद, जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों का हाल जाना, उनकी समस्याएं पूछी और उनकी समस्याओं की निराकरण के लिए डॉक्टर से बात भी की ,
उल्लेखनीय है गरियाबंद में वाटसप एप के माध्यम से चलाए जा रहे मै गरियाबंद ग्रुप के सज्जन व्यक्तियों के द्वारा समय समय पर लोगों को जागरुक करने के साथ साथ ग्रुप के व्यक्तियों के द्वारा रक्तदान किया जाता रहा है, मै गरियाबंद ग्रुप के माध्यम से कई लोगों के समस्याओं का समधन भी हुआ है वही नग़र के जागरुक व्यक्तियों के जुड़े हुए होने के कारण त्वरित मदद की जाती है
कोच जी॰डी॰ उपासने ने कहा
रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक करते हुए कहा रक्तदान महादान है। कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर किसी दूसरे के जीवन की रक्षा कर सकेगा। रक्त की कमी से बहुत से मरीजों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करना एक पुण्य का कार्य है। रक्तदान के माध्यम से लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि रक्तदान करने से शरीर में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होती है बल्कि रक्तदान करने से शरीर में कई फायदे होते हैं। रक्तदान कर समाज के लिए उदाहरण बनने की बात कही।
रक्तवीर प्रकस सरवैय्या ने बतलाया-
कि इससे पहले भी वह तीन बार रक्तदान कर चुके थे। और हमेशा कार्य की व्यस्तता के बावजूद यह प्रयास रहता है कि किसी के जीवन को बचाने के लिए यदि आवश्यकता पड़े तो रक्तदान करने में कोई झिझक नहीं की जाए।
रक्तवीर- गौरव पटेल ने कहा-
रक्तदान कर बचाएं हर जरूरतमंद की जान, मिलेगी खुशी रक्तदान कर हर जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है। इससे खुशी मिलती है और मरीज की जान बच जाती है तो वह आपको दुआ देता है। रक्त को बनाया नहीं जा सकता, उसे केवल शरीर से निकाला जाता है। श्री पटेल ने कहा कि रक्तदान हृदय की सेहत को सुधार सकता है। दिल की बीमारियां व स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है। इससे खून पतला होता है, जो हृदय के लिए अच्छा होता है। कई घातक बीमारियों का खतरा भी कम होता है। क्योंकि शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ कम हो जाते हैं। हर स्वस्थ्य व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है।
इस मौके पर सिनियर खिलाड़ी ललित साहू ने कहा
रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है इसलिए रक्तदान को महादान कहते हैं, क्योंकि यह दान दूसरों की जिंदगी बचाने के साथ खुद की सेहत दुरुस्त करता है।
वहीं युवा खिलाडी प्रकास सोनी ने बतलाया
कि हर वक्त हमारे जवान रक्तदान शिविर में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेकर सामाजिक कर्तव्य निभाते रहे हैं। उन्होंने कहा हर समस्या का का कुछ न कुछ विकल्प ढूंढ निकाला गया है। लेकिन ब्लड का कोई विकल्प नहीं है। खून की कमी को केवल ब्लड डोनेशन के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। इसलिए हर सक्षम व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए। जब ब्लड बैंक में रक्त होगा, तभी लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकती है।
पार्षद प्रतिनिधि छगन यादव ने कहा
रक्तदान करने से शरीर में उर्जा आती है, नए रक्तकोष बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है। शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और ह्रदय रोग, जैसे घातक बीमारियों का खतरा कम होता है।
कान्हा क्लब के सीनियर खिलाड़ी अख़्तर खान ने कहा
कि रक्तदान करने के बाद भी रक्तदाता बिल्कुल पहले की तरह ही कामकाज कर सकता है। इससे शरीर में किसी भी तरह की कमी या कमजोरी नहीं होती है। जागरूकता नहीं होने के कारण बहुत से लोगों के मन में रक्तदान को लेकर दुविधा रहती है। इसलिए लोग रक्तदान से कतराते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि रक्तदान कर जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है।
डॉ. हरीश चौहान ने कहा
कि एक स्वस्थ इंसान, जिसकी उम्र 18 से 60 वर्ष हो वह रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से खून का संचार बढ़ता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। रक्तदान से शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। किसी भी व्यक्ति का खून निकालने से पहले उसकी जांच होती है। इसके बाद ही खून निकाला जाता है। इसलिए बिना डरे रक्तदान करें और दूसरों की जिंदगी को बचाएं। भ्रम को तोड़ते हुए जरूरतमंद के लिए खड़े हों और खून देकर उसकी जान बचाने में मदद करें।
इमरान मेमन- रक्तदान करना एक पुण्य का कार्य
आम लोगों को रक्तदान करने के फायदे भी बताए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग यह सोच कर रक्तदान करते हैं कि इससे किसी भी व्यक्ति की जिंदगी बच सकती है, कई ऐसे भी लोग हैं जो यह सोचकर रक्तदान नहीं करते हैं कि इससे उनकी सेहत खराब हो जाएगी जो कि एक भ्रम के अलावा कुछ भी नहीं है। ऐसे लोग सोचते हैं कि रक्तदान करने से शरीर में खून की कमी हो जाएगी जबकि ऐसा नहीं है। रक्तदान के समय जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिनों में शरीर में फिर से बन जाता है।
इस अवसर पर ये खिलाड़ी रहे उपस्थित कोच जीडी उपासने वालीबाल कोच सूरज महाडिक कोच विजय कश्यप एवं विकाश रोहरा प्रकास सरवैय्या ललित साहू छगन यादव प्रीत सोनी रमन साहू जीतूँ सेन इमरान मेमन अख़्तर खान जयमूनी बगरती कादर खान हेमशिखर धुर्व आशीष सपहा मनोज भगत गुनचु प्रहलाद यादव होरी यादव लच्छी यादव संतोष यादव जगदिस काटके जगदीश यादव नरेंद्र साहू सूरज सिन्हा अनुराग केला दीपक सिन्हा वैभव ठक्कर सिनु ठाकुर बाबू भोंसले इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया