नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और जांच एजेंसी द्वारा उनसे लगभग साढ़े 8 घंटे तक पूछताछ की गई। अधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी सुबह करीब 11.10 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे और करीब 20 मिनट तक कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने और उनकी उपस्थिति दर्ज करने के बाद उनसे पूछताछ की गई। जिसके बाद रात करीब साढ़े 9 बजे उन्हें पूछताछ के बाद जाने दिया गया। सामाचर एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने राहुल गांधी से कल यानी मंगलवार को फिर से पेश होने को कहा है।
पहले दौर की पूछताछ के बाद राहुल गांधी को दोपहर करीब दो बजकर 10 मिनट पर भोजन के लिए ईडी मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी। भोजनावकाश के बाद वह दिन में करीब तीन बजकर 30 मिनट पर फिर ईडी के समक्ष पेश हुए। ईडी ने पहले राउंड में राहुल गांधी से करीब तीन घंटे पूछताछ की थी जबकि दूसरे दौर में उनसे साढ़े 5 घंटे बातचीत हुई। समझा जाता है कि राहुल गांधी ने धनशोधन रोकथाम कानून की धारा 50 के तहत अपना बयान लिखित रूप से दिया है।
कांग्रेस नेताओं ने दिया विरोध प्रदर्शन
सुबह में पूछताछ के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया। राहुल गांधी का काफिला जब ईडी मुख्यालय पहुंचा तो गाड़ी में उनके बगल में प्रियंका गांधी भी बैठी हुईं थीं।
क्या है पूरा मामला
एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज किया था। अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके। ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं।
कांग्रेस बोली- नेतृत्व झुकने वाले नहीं है
समझा जाता है कि मामले से जुड़े सहायक निदेशक स्तर के एक ईडी अधिकारी ने ‘यंग इंडियन’ की स्थापना, ‘नेशनल हेराल्ड’ के संचालन और धन के कथित हस्तांतरण को लेकर सवालों की सूची सामने रखी। ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितताएं भी जांच के दायरे में हैं। कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता। इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके।’’