जांजगीर-चांपा। जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को 92 घंटे हो चुके हैं। उसको बचाने का प्रयास अभी तक सेना के निर्देश पर NDRF कर रही थी, लेकिन अब जवानों ने कमान अपने हाथ में ले ली है। NDRF को वहां से हटाकर अब सेना के जवान टनल में उतरे हैं। हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया है।
दूसरी ओर राहुल की हालत अब बिगड़ रही है। उसके मूवमेंट का एक नया वीडियो अभी सामने आया है। इसमें राहुल सिर उठाता हुआ और रिस्पॉन्स देता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से भी ट्वीट कर कहा गया है कि सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ हैं। अभी इशारों में राहुल ने कुछ खाने की मांग की है। रेस्क्यू अभियान जारी है। चट्टानों से भी मज़बूत इस मासूम बालक के साहस को सलाम है।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि सर्जन का कहना है कि राहुल की सांस की गति सामान्य है।वहीं उसकी सेहत और सलामती के लिए प्रदेश भर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है। बलौदा बाजार में राहुल के लिए गायत्री परिवार की ओर से हवन-पूजन किया जा रहा है। साथ ही दीर्घायु होने की कामना के लिए महामृत्युंजय जाप भी चल रहा है।
बताया गया कि राहुल और जवानों के बीच में बड़े पत्थर हैं। ऐसे में राहुल से दूरी महज 8 इंच है, उसे साइड से निकालने के चलते दूरी डेढ़ फीट बढ़ गई है। टनल के अंदर लाइम स्टोन होने के कारण समय लग रहा था। उसे तोड़कर आगे बढ़े तो फिर एक चट्टान ने रास्ता रोक लिया है।
NDRF अफसर चोटिल
इस दौरान राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाने के काम में लगे NDRF के कमांड इन चीफ वर्धमान मिश्रा चोटिल हो गए हैं। डॉक्टर ने मौके पर उनका उपचार किया और वे फिर से काम में लग गए हैं। वर्धमान मिश्रा के ऊपर ही ऑपरेशन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि काम किसी हालत में रुकना नहीं चाहिए।
वहीं दूसरी ओर राहुल के नजदीक अब NDRF की टीम पहुंचती जा रही है। महज 2 से ढाई फीट की दूरी रह गई है। उसे बाहर निकालने के लिए खुदाई का एंगल थोड़ा बदला गया है। जिससे उसे चोट न लगे। बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। इसके साथ ही वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को चिकना बनाया जा रहा है। जिससे उसको बाहर निकालने के दौरान चोट न लगे।