सेना की रेजिमेंटल प्रणाली में अग्निपथ स्कीम सेे कोई बदलाव नहीं होगा। पहले साल में भर्ती होने वाली अग्निवीरों की संख्या कुल सशस्त्र सैन्य बलों का तीन प्रतिशत होगी।
इसे दशकों पुरानी सेना भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इसके तहत साढ़े 17 से 21 साल के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखा जाएगा, वहीं 4 में से 3 अग्निवीर आगे सेवा जारी नहीं रख पाएंगे।
क्या है अग्निपथ योजना ( agnipath yojana)
अग्निपथ योजना से कई रेजिमेंटों की संरचना को लेकर संशय जताए जा रहे थे। इनमें निश्चित क्षेत्र या राजपूत, जाट, सिख आदि जातियों से भर्तियां होती हैं। सूत्रों के मुताबिक अग्निपथ से रेजिमेंटल प्रणाली पर कोई असर नहीं होगा। बल्कि उन्हें श्रेष्ठ अग्निवीर मिलेंगे।
योजना सेवारत सैन्य अधिकारियाें से 2 साल तक विस्तृत चर्चा
योजना सेवारत सैन्य अधिकारियाें से 2 साल तक विस्तृत चर्चा के बाद लाई गई है। इसका प्रस्ताव सैन्य अधिकारियों( officer) के विभाग ने तैयार किया, जो सैन्य अधिकारी हैं। सूत्रों ने कहा कि अग्निवीर सेना से निकल कर समाज के लिए खतरा बन सकते हैं, ऐसा सोचना भारतीय सैन्य बलों के मूल्यों और परंपराओं का अपमान है।