डीआरएम सतपथी फिर बहला गये बस्तर को
बस्तर / 15 जून रेल नहीं तो लोहा नहीं के टैग लाईन को लेकर शहर में वृहद पैमाने पर रेल रोको आंदोलन हुआ था । रेल आदोलन की अगवाई कर रहे नवनीत चांद ने कहा था कि रेल नहीं तो इस बार बस्तर से लोहा भी नहीं ले जाने दिया जाएगा। वहीं राहित आर्य के मुताबिक बिना किसी लिखित आश्वासन के आंदोलन नहीं थमेंगा । संभवतः इसी दबाव में दक्षिणपूर्वी रेल्वे जोन डीआरएम अनुप सतपथी को एक बार फिर वह वादा दुहराना पड़ा जिसे वह नवम्बर में बोलकर बस्तरवासियों को बहला चुके थे। ये वादा था बस्तर में फरवरी में विस्टाडोम कोच चलेगी। ये बात और है उनका वादा पूरा नहीं हुआ बस्तर को आज भी विस्टाडोम कोच का इंतेजार है। आज जून का महिना आ चुका है। 15 जून को रेल रोको महाआंदोलन के बाद फिर से विस्टाडोम कोच का पत्ता डीआरएम खेल चुके हैं और उन्होंने मिडिया को जारी बयान में कहा कि जल्द ही विस्टाडोम कोच आएगी।
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इसमें गौर करने वाली बात यह है कि विस्टाडोम कोच कब आएगी ? इसकी तारीख का एलान उन्होने नहीं किया और न ही पहले की तरह को संभावित महिना उन्होने बताया ।रेल्वे मामलों के जानकार कहते है। कि वे बस्तरवासियों को फिर बहला गए ताकि आंदोलन फिर न उठ सके ।
बस्तर में रेल्वे के शुरूआत से ही रेल्वे प्रशासन अरबों- खरबों की आय अर्जित कर चुका है मगर बस्तर में रेल सुविधाओं की बात आती है तो केन्द्र सरकार बस्तर को इसी तरह बहला देती है।