किशोर न्याय (बालकों की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत पोषण देखरेख फास्टर केयर पर गुरूवार को होटल महेन्द्रा में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला मे फास्टर केयर के माध्यम से जिले के बाल देखरेख गृहों में निवासरत 6 वर्ष से अधिक आयु के बालक/बालिकाओं को पारिवारिक माहौल देने के उद्देश्य से योग्य परिवारों का चिन्हांकन कर उन परिवारों को कार्यशाला मे प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वैच्छिक संगठन सेंटर ऑफ एक्सीलेेंस इन अल्टरनेटिव केयर डाट इंडिया के सहयोग से लगातार किशोर न्याय की दिशा मे काम कर रही है। वही कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास कर रही है।
कार्यशाला मे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन ऑल्टरनेटिव केयर की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ वसुंधरा ओम प्रेम व जिला कार्यक्रम अधिकारी सपना ने बताया कि कार्यशाला मे अधिनियम-2015 एवं किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण आदर्श नियम-2016 के बारे में व्यापक रूप से जानकारी दी गयी एवं बच्चों के प्रकरण में पालन की जाने वाली प्रक्रिया, पुलिस रेस्पॉन्स, व्यवहार आदि के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। चलते अलावा बच्चों के संरक्षण से जुड़े अधिनियम के तहत किशोर अपराधियों को चिकित्सा सुविधा और कानूनी सहायता प्रदान करना, बच्चों के सरंक्षण के लिए काम कर रहे बाल कल्याण समिति, विभिन्न एनजीओ, पुलिस, चाईल्ड लाईन और बाल आयोग को अधिनियम का पालन करना भी अनिवार्य होगा, साथ ही बाल अदालत को बच्चों के सर्वोच हित्तों के सिद्धांत का पालन करने की बात भी कही गई।