रायपुर। 31 दिसंबर की रात एक इंजीनियरिंग के छात्र (engineering students) 22 वर्षीय अनुराग साहू की संदिग्ध मौत के मामले में 6 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। यही नही पुलिस ने पूरी घटना को आत्महत्या बताते हुए जांच भी बंद कर दिया है। लेकिन परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए मामले की जांच को लेकर आवाज उठाई। मृतक के माता-पिता का कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई थी। उन्होंने गर्लफ्रेंड आभा समेत 4 संदेहियों के नाम भी पुलिस के सामने रखे हैं।
दरअसल 1 जनवरी की सुबह भिलाई स्थित ग्रीन वैली फ्लैट में अनुराग साहू (Anurag Sahu) का शव मिला था। पिता विरेंद्र साहू ने बताया कि 15 दिन घर में छुट्टी बिताने के बाद बेटा 31 दिसंबर मनाने मामा के घर गया था। मां और चाची को उरला में छोड़ने के बाद वह अपने स्मृति नगर के किराए वाले घर में चला गया था। अगले दिन सुबह मृतक की प्रेमिका आभा चौधरी मृतक के भाई शिरीष को फोन कर बताई कि अनुराग ने खुद को फ्लैट में बंद कर लिया है, और फोन नहीं उठा रहा है। भाई द्वारा मौके पर पहुंचकर जब दरवाजा खोला गया तो अनुराग फांसी से झूलता मिला। उसके दोनों घुटने जमीन पर थे और सिर से खून निकल रहा था, साथ ही हाथ भी पीछे की ओर मुड़े हुए थे। इस पूरी घटना में कई ऐसी चीजें हैं जो सीसीटीवी फुटेज व कॉल रिकॉर्ड में सामने आई है। जिसके बाद युवक के माता-पिता अब थाने के चक्कर काट रहे हैं। वहीँ अब पुलिस भी सवाल के घेरे में आ गई है, परिजन काआरोप है उस समय के चौकी प्रभारी युवराज देशमुख (Outpost in-charge Yuvraj Deshmukh) ने सही जांच किये बिना ही केस बंद कर दिया है।
परिजनों ने इन बातों पर प्रकाश डालते हुए चार संदेहियों पर लगाया आरोप
1) मृतक का शव घुटनों के बल, बैठा हुआ मिला तथा एक हाथ मुड़ा हुआ था, शरीर नीला पड़ गया था।
2) अस्पताल ले जाने के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शिरीष ने
यह सूचना अपनी मम्मी को देना चाहा तो आभा के भाई साकेत ने शिरिष के
मोबाइल को छीन लिया।
3) घटना स्थल में ताला ग्रील गेट में लगा हुआ था। जब उसे तोड़ा जा सकता है तो अंदर से लगाया भी जा सकता है।
4) आभा ने झूठ बोला कि मोबाइल का रिंग बाहर तक सुनाई दे रहा था जबकि मृतक के भाई और दोस्तों ने जब कॉल किया तो रिंग बाहर तक सुनाई नहीं दिया।
5) अपने बयान में उसने कहा है कि मृतक नींद आने के कारण न्यू इयर के
पहले घर चला गया ।
6) मृतक के मोबाइल के कॉल रजिस्टर से काल और मिस काल डिलीट किया गया है, सी.डी.आर में अंतर है। मोबाइल से फोटो भी डिलीट कर दिया है। इसे किसने किया ? मृतक का मोबाइल आभा के पास था। सुपेला थाना में मोबाइल उसके फिंगरप्रिंट से खोला गया था।
7) आभा 2 – 3 मिनट वहां पर रुकने के बाद वहां से चली जाती है। अपनी
बहन विभा एवं वैभव के साथ जाती है।
8) बाद के बयान में वह घटनास्थल अपना मोबाइल लेने जाना स्वीकारती है। क्या वह घटना स्थल साक्ष्य मिटाने गई थी ? जबकि अस्पताल के फुटेज में उसका मोबाइल उसके हाथ में दिखाई देता है।
9) अविनाश भी अस्पताल से गायब हो जाता है फिर वह आभा विभा के साथ 6 बजे अस्पताल आता है।
10) दुर्गेश कोरोनिक का सी.डी.आर 3 बजे ग्रीन वैली बताता है पर वह 04.30 बजे अस्पताल पहुंचता है। क्या वह आभा, विभा एवं वैभव के साथ मिलकर घटना स्थल से साक्ष्य मिटाते है ?
11) घटनास्थल में दीवारों पर खून के निशान मिले हैं, उसकी जांच क्यों नहीं
की गई ?
12) घटना स्थल की चाबी आभा चोरी कर के दुर्गेश एवं समीर को दे देती है।
13) आभा के भाई साकेत चौधरी के कर्मचारी पवन, ईश्वर आदि का मोबाइल 09.30 के बाद से संदिग्ध रूप से बंद है।
14) घटना के बाद से अनिवाश एवं आभा के बीच मोबाइल में लंबी
बात हुई है।
15) पी.एम. रिपोर्ट की प्रश्नावली में डाक्टरों ने मृतक की हत्या से इंकार नहीं किया है।
16) घटना दिनांक को अविनाश घटनास्थल (डी. ब्लॉक) में मौजूद था।
इन सब में आभा, साकेत, विभा चौधरी, अविनाश और दुर्गेश की भूमिका संदिग्ध है।
परिजन कर रहे SIT गठित करने की मांग
अनुराग के पिता ने कहा कि जब उन्होंने बेटे के शव को देखा तो सिर पर चोट के निशान थे। मगर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज नहीं किया। स्मृति नगर पुलिस के जांच अधिकारी युवराज देशमुख ने घटना स्थल उस कमरे की जांच नहीं की, वहां दीवारों पर खून के धब्बे थे, न ही अनुराग के मोबाइल का लॉक खुलवाने का प्रयास किया गया, न ही अनुराग की प्रेमिका आभा चौधरी के भाई साकेत चौधरी और बहन विभा चौधरी का बयान दर्ज किया। इसलिए अब परिजन इन मामले में SIT गठित कर जांच की मांग कर रहे हैं। वो जानना चाहते हैं कि उस रात आखिर उनके बेटे के साथ हुआ क्या था।