बिलासपुर। सिरगिट्टी निवासी संतोष गुप्ता (Santosh Gupta) का मृत शरीर सिम्स मेडिकल कॉलेज को दान में दे दिया गया, सिम्स में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए दान में दिए गए शरीर की बहुत आवश्यकता थी।
सिरगिट्टी निवासी संतोष गुप्ता की पार्थिव काया मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं के अध्ययन के लिए सिम्स (sims) को दे दी गई। स्वर्गी गुप्ता ने जीते जी 5 वर्ष पहले अपने देहदान की घोषणा की। इस संकल्प को उनके परिजनों ने पूरा किया, देह दान की यह परंपरा आदिकाल में महर्षि दधीचि (Maharishi Dadhichi) ने प्रारंभ किया था, उन्होंने राक्षस वृतासुर के वध के लिए अपने शरीर की हड्डियों का दान कर दिया था, मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले प्रथम वर्ष के छात्र छात्राएं पूरे साल मानव शरीर के बारे में ही पढ़ते हैं। इसके लिए उन्हें दान में दिए गए शरीर की जरूरत होती है। धन्य है वह लोग जो मृत्यु के बाद देह को दान कर सही मायने में अमर हो जाते हैं।