कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। धातु का कछुआ घर में रखने या उसका चित्र दीवार पर लगाना शुभ होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है व वास्तुदोष( vastu dosh) भी दूर होता है। सनातन धर्म में कछुए को ‘कूर्म’ अवतार अर्थात कच्छप अवतार कहकर संबोधित किया जाता है। उनके दशावतार में से ‘कूर्म’ अर्थात कछुआ Islam विष्णु का दूसरा अवतार है।
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वास्तु के अनुसार कछुए को उत्तर दिशा में रखने से धन लाभ और शत्रुओं का नाश होता है। परिवार के सदस्यों को सुरक्षा भी मिलती है। परिवार( family) के मुखिया की आयु लंबी होती है। यदि आप व्यवसायी हैं, तो अपने प्रतिष्ठान के मुख्यद्वार पर कछुए का चित्र लगाएं। ऐसा करने से व्यापार में धन लाभ और सफलता( success) मिलती है रुके हुए काम जल्दी होने लगते हैं।
दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए का चित्र( photo) लगाएं
बीमार रहता है और दवा आदि लेने पर भी स्वास्थ सुधार नहीं होता। लाख जतन करने के बाद भी यदि कारण समझ नहीं आ रहा हो, तो घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए का चित्र लगाएं। इस दिशा में धातु का कछुआ रखने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है।
ऑफिस( office) या घर की उत्तर दिशा में रखें
कछुए के प्रतीक को ऑफिस( office) या घर की उत्तर दिशा में रखें। इसे कभी भी बेडरूम( bedroom) में न रखें। इसकी स्थापना हेतु सर्वोत्तम स्थान ड्राईंग रूम है। दो कछुओं के प्रतीक को एक साथ घर में न रखें। ऐसा करने से लाभ क्षेत्र बाधित होता है। कछुए की स्थापना हेतु उत्तर दिशा सर्वोत्तम है, क्योंकि शास्त्रों में उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है। पूर्व दिशा की ओर भी कछुए के प्रतीक को स्थापित किया जा सकता है।