महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब राज्यपाल द्वारा बृहस्पतिवार को सदन में शक्ति परीक्षण कराए जाने के निर्देश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका पर सुनवाई चल रही थी। हालांकि बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे के बयानों से प्रतीत होता है कि उन्होंने हार मान ली है और कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं।
उद्धव मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री अजित पवार और कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए। ठाकरे ने अपने सभी सहयोगियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनके अपनों ने धोखा दिया लेकिन गठबंधन सहयोगी होने के नाते आपने ढाई साल तक साथ दिया इसके लिए आपका धन्यवाद। बता दें कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना के अलावा एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल द्वारा बुलाए गए फ्लोर टेस्ट की अनुमति दे देता है तो उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे देंगे। खबरों की मानें ठाकरे फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं जाएंगे और उससे पहले ही इस्तीफा दे देंगे। बैठक के दौरान ठाकरे भावुक दिखे और अपनों द्वारा धोखा दिए जाने का बार-बार जिक्र किया। इससे पहले कैबिनेट बैठक के लिए मंत्रालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने छत्रपति शिवाजी और संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर की प्रतिमाओं के समक्ष नमन किया।
महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक पर महाराष्ट्र मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, “आज मुख्यमंत्री जी ने हमारे तीनों पार्टियों ने जो ढाई साल में अच्छा काम किया उस पर आभार व्यक्त किया है। कल अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि विश्वास मत होगा तब तय होगा कि ये बैठक आखिरी है या नहीं। उन्होंने (मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे) कहा कि मेरी खुद की पार्टी ने मुझे दगा दिया है ये बहुत ही दुर्भाग्य है और इसके लिए उन्होंने दुख भी जताया।”
कैबिनेट की बैठक पूरी होने के बाद कांग्रेस नेता सुनील केदार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें ये बताया कि आप बहुत अच्छा सहयोग करते हैं और आगे भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा रहेगी और मैं भी आपके साथ ऐसा ही व्यवहार करता रहूंगा।