एंजेल एंग्लो हाई स्कूल ने पूरे किए अपने स्थापना के 18 वर्ष, भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रस्तुति से विद्यार्थियों ने बताई अपने सांस्कृतिक परिवेश की भाषा
एंजेल एंग्लो हाई स्कूल ने पूरे किए अपने स्थापना के 18 वर्ष, भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रस्तुति से विद्यार्थियों ने बताई अपने सांस्कृतिक परिवेश की भाषा
गरियाबंद।एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में सोमवार को स्कूल के स्थापना के 18 वर्ष पूर्ण के अवसर पर वार्षिक उत्सव मनाया गया। जिसके उपलक्ष्य में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में धार्मिक, पौराणिक, आधुनिक और मनोरंजन के अनेक कार्यक्रम शामिल किए गए। जिनका मुख्य उद्देश्य संस्कृति को संजोना रहा। प्राचार्य स्टेफड़ बंस ने दीप प्रज्वलन करने के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें गणेश और सरस्वती की वंदना की गई। छोटे-छोटे नन्हें मुन्ने ने एक गीत प्रस्तुत किया। रंग बिरंगे परिधानों में छात्र-छात्राएं जमीं के तारों से कम नही लग रहे थे। हिंदी एवं इंगलिश… गीत के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने कपल डांस द्वारा अपने मन की खुशी को प्रकट किया।
फ़ैंसी ड्रेस पहने बच्चों ने शिक्षाप्रद बातों का दर्शाया
कार्यक्रम में देश के सभी महान हस्तियों के वेशभूषा में छोटे बच्चों को दर्शाया। इसके बाद दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा गीत के माध्यम से सफलता के रास्तों को न भूलने का भावार्थ दर्शाया। योग ने दुनिया का मन मोहा गीत के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने अनेक योगासनों का प्रदर्शन किया। संगीत क्षेत्र में रैप सॉंग के प्रचलन के चलते पुराने तथा आधुनिक पंजाबी गीत व मनमोहक डांस भी प्रस्तुत किया। कथक तथा आधुनिक नृत्य के मिश्रण सेे फ्यूजन की प्रस्तुति की गई।
राजस्थानी, आन, बान, शान को दर्शाता हुआ ढोली डा गाने पर नृत्य प्रस्तुत किए गए। ड्रामा के माध्यम से खत्म होती गुरु शिष्य की परंपरा को दर्शाया गया। कार्यक्रम में स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट भी पढ़ी गई। जिसमें स्कूल के 18 साल के सफर का सफरनामा भी पढ़ा गया। छात्रों को उनकी कला कौशल पर उन्हे बधाई दी।
विद्यालय के प्राचार्य स्टेफड़ बंस ने कहा
जब उन्होंने ने अपने स्कूल की शूरवात की उस समय उनके पास 80-90 बच्चे ही थे पर आज उनके स्कूल में लगभग 750 बच्चे अध्यंन कर रहे है ये बतलता है कि हमारे स्कूल के प्रति पालकों का विश्वास हम लगतार शिक्षा के प्रति कार्य कर रहे है साथ ही हमारे स्कूल में पढ़ाई के साथ खेल कूद सांसकृतिक कार्यक्रम एवं बच्चों की अन्य एक्टिविटी पर भी ध्यान दिया जाता है हमारा उदेशय है बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देना है ,
डायरेक्टर सिधार्थ चौधरी ने कहा
कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने से बच्चें अपनी संस्कृति को करीब से जानते हैं, साथ ही बच्चों का मानसिक विकास होता है। श्री चौधरी ने आगे कहा शिक्षा के साथ साथ बच्चों का मानसिक विकास भी जरूरी है।जिसमें इस तरह के आयोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। बेहतर शिक्षा से ही छात्रों का भविष्य बदल सकता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।
साथ ही प्रचार्य स्टेफड़ बंस ने स्कूल के सभी शिक्षकों को स्मृति चिह्न देकर का सम्मान किया,
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे प्राचार्य सटेफड बंस डायरेक्टर सिधार्थ चौधरी अनिता पींगे महेंद्र सिंग राजपूत साधना मिश्रा प्राची कुटारे शाहजाह खान,सत्यम नावलेकर छबीली साहु निधि झा हुमा गोस्वामी अरुन्दन्ति पुलस्त तामेश्वरी साहू गुरुनुर कौर कुकुर्रेज रुपेश सिन्हा जितेंद्र मिश्रा शुभम वर्मा नेहा लोनहरे चित्रसेन साहू