भारतीय जनता पार्टी का आतंकवादियों से नाता है। यह रिश्ता क्या कहलाता है। कांग्रेस पार्टी आतंकवाद पर राजनीति के पक्ष में कभी नहीं रही है, लेकिन आज जो हालात हैं और जिस तरह से एक के बाद एक घटनाओं में लगातार आतंकियों तथा अपराधियों के तार भाजपा से जुड़े मिले हैं, वैसे में सवाल पूछना जरूरी हो जाता है। आप भी सोचिए और समझिए कि भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में देश के साथ कितना घिनौना खेल खेल रही हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने राजीव भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही।
रायपुर में पवन खेरा ने कहा कि पिछले दिनों उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या में शामिल एक आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी बीजेपी का कार्यकर्ता निकला। उसने बकायदा बीजेपी के नेताओं की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली थी। मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि रियाज राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के नेता और पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया के दामाद एवं पूर्व पार्षद अतुल चंडालिया की फैक्ट्री में काम कर चुका है। इसे भाजपा के कई कार्यक्रमों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबराए हुए हैं। उनकी असलियत सबके सामने आ गई है। डरा हुआ आदमी ईडी के पीछे छिपेगा, कभी सीबीआई के पीछे छिपेगा। कभी मीडिया पर दबाव डालेगा। एक मीडिया हाउस पर ईडी का प्रश्न चल रहा है।
खेरा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए लश्कर-ए- तैयबा के दो आतंकवादियों में से एक तालिब हुसैन शाह भाजपा का पदाधिकारी निकला। इसकी बीजेपी के कई वरिष्ट नेताओं के साथ देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी तस्वीर है। महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के कथित मास्टरमाइंड इरफान खान का निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा से संबंध हैं। राणा दंपति का बीजेपी से क्या रिश्ता है, यह किसी से छिपा नहीं है। इरफान खान राणा दंपति के लिए प्रचार करता था और वोट मांगता था। छत्तीसगढ़ के नक्सल मुद्दे पर खेरा ने कहा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नक्सलवाद पर अंकुश लगा है। नक्सली घटनाओं में कमी आई है। भूपेश सरकार बेहतर काम कर रही है।
BJP नेता ही आतंकियों को हथियार पहुंचा रहे
पवन खेरा ने कहा कि 2020 में जम्मू कश्मीर में आतंकियों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में भाजपा के पूर्व नेता एवं सरपंच तारिक अहमद मीर को गिरफ्तार किया गया था। तारिक अहमद पर हिजबुल कमांडर नवेद बाबू को हथियार देने का आरोप था, जो आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार हुआ था। एनआईए ने साफ तौर पर कहा भी था कि तारिक अहमद मीर दविंदर सिंह का सहयोगी है। मामले की ढंग से जांच होती तो सच्चाई का पता चलता, लेकिन जांच बीच में ही रोक दी गई। खेरा ने कहा कि वर्ष 2017 में मध्य प्रदेश में एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए आईएसआई के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी था, जिसकी सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ तस्वीरें हैं। 2019 में मध्य प्रदेश में ही टेरर फंडिंग के आरोप में बजरंग दल के एक नेता बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।
डॉ. रमन सिंह भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व नेता
कांग्रेस प्रवक्ता खेरा ने रमन सिंह पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि चलते फिरते क्या लेटर दे दिया जाता हैं। पद क्या चलते फिरते भाजपा बांटती है। क्या मिस कॉल से पार्टी का गमछा पहनाया जाता है? डॉ. रमन सिंह भूतपूर्व नहीं अभूतपूर्व नेता है। उन्हें सोच समझकर बात करनी चाहिए। बता दें कि डॉ. रमन सिंह ने बीते दिनों कहा था कि राष्ट्रीय नेता के साथ चलते-फिरते फोटो खिंचवा लेते हैं। मिस कॉल कर कोई भी भाजपा की सदस्यता ले सकता है। खेरा ने कहा कि डॉ. रमन सिंह जैसे लोग इस तरह के आरोपों का खंडन कर रहे। सोशल मीडिया में कौन सी तस्वीर वायरल हो रही, उन्हें यह भी नहीं पता होगा। वे बिना ज्ञान के कुछ भी बोलते हैं। उन्हें थोड़ा पढ़ लेना चाहिए।