डेंगू-मलेरिया की सूचना पर प्रशासन पहुंचा दरभा, एक ही दिन दो गांवों में मिले 51 पॉजिटिव
दरभा : दरभा के चंद्रगिरी और करका में दो मासूम आदिवासी बच्चियों की मौत डेंगू और मलेरिया के चलते हो गई है। दोनों गांवों में कुल 51 लोग मलेरिया पाजिटिव हैं।
अगर और जांच की जाए तो मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। तुलेश्वरी की जांच मंगलवार को ही मितानिन ने की थी। मंगलवार को तुलेश्वरी मलेरिया पॉजिटिव आई थी।
मितानिन ने परिजनों से कहा था कि उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाओ लेकिन परिजन उसे तत्काल हॉस्पिटल नहीं ले जा पाये। बुधवार को जब उसकी सेहत और बिगड़ी तो परिजन हॉस्पिटल लेकर गये।
इसी तरह करका में रहने वाली सरिता भी डेंगू और मलेरिया पॉजिटिव थी। वह मूलत: करका से आगे पहाड़ों के नीचे रहने वाली है। सरिता की जांच भी मितानिन ने की थी
और उसे मलेरिया पॉजिटिव बताया था और परिजनों को बताया था कि उसे हास्पिटल ले जायें, लेकिन इसके परिजन भी पढ़े-लिखे नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि सरिता का इलाज गुनिया से भी करवाया था। करका इलाके में रहने वाली सरिता पहाड़ी के नीचे रहती है। इस गांव में कई लोगों को मलेरिया और डेंगू होने का अंदेशा है।
सरिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने आये कुछ लोगों की करका में जांच की गई तो वे मलेरिया पॉजिटिव निकले। पहाड़ी के नीचे जिस स्थान पर गांव है
वहां पहुंचने के लिए करीब 4 किमी का पैदल सफर करना पड़ता है और यहां रहने वाले लोग इतने जागरूक नहीं हैं कि वे जांच करवाने खुद करका या दरभा तक आ जायें। ऐसे में अब सवाल यह है कि बारिश के दौरान गांव तक इनकी जांच के लिए कौन जायेगा।
करका में जेई तो चंद्रगिरी में मलेरिया फैला
एसडीएम आस्था राजपूत और जनपद सीईओ सौरभ के साथ दरभा बीएमओ अपने स्टाफ के साथ पहुंच चुके थे। जांच की शुरूआत मृतका तुलेश्वरी के घर से की गई।
कुल 142 लोगों की जांच की गई इनमें से 42 लोग पॉजिटिव निकले। इसी तरह करका में भी करीब 20 लोगों की जांच की गई जिसमें से 9 लोग मलेरिया पॉजिटिव निकले।
दो अदिवासी बच्चियों के बीमार होने की जानकारी सिस्टम की पहली सीढ़ी (मितानिनों) के पास थी लेकिन इनके बीच ऐसी प्रैक्टिस नहीं थी कि कोई गंभीर रूप से बीमार हो तो
उसे खुद हॉस्पिटल पहुंचाएं या ऐसा कोई सिस्टम ही तैयार नहीं किया गया है कि मितानिन सीधे ऊपर के अफसरों को बतायें कि लोग बीमार हैं।
आई तो थी मच्छरदानी मगर गोदाम में पड़ी थी, बांटने के दिए निर्देश
इधर बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार और जिला पंचायत सीईओ रोहित व्यास शुक्रवार की सुबह दोनों अफसर मोटरसाइकिल से तुलेश्वरी के घर पहुंचे। कलेक्टर ने पूछा कि मच्छरदानी कब मिली थी
तो जवाब आया कि 2021 में और इन मच्छरदानियों को चूहे कुतर गये। अफसरों ने बताया कि इनके लिए मच्छरदानी तो आई लेकिन वह दरभा के गोदाम में पड़ी हैं।
इसके बाद कलेक्टर ने तत्काल सभी को मच्छरदानी बांटने के निर्देश दिये और पूरे गांव के लोगों की जांच के निर्देश दिये। इसी तरह के निर्देश करका में भी दिये गये।