कॉफी पीना किसे पसंद नहीं है? ज्यादातर लोगों को कॉफी(coffee) पसंद होती है लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि क्या आप बिना कॉफी बीन्स (coffee beans)वाली कॉफी बिना पसंद करेंगे, तो शायद आप सोच में पड़ जाएंगे। जैसे ‘मांसहीन मांस’, ‘अंडा रहित अंडा’ और ‘दूध रहित दूध’ की नई तकनीकों के बारे में बातें हो रही हैं, उसी तरह ‘कॉफीलेस कॉफी’ (coffeeless coffee) बनाने की तैयारी चल रही है। इसे मॉलिक्यूलर कॉफी (molecular coffee)कहा जाता है, यह सूरजमुखी के बीज की भूसी और तरबूज के बीज से बनाई जाती है, जो एक रासायनिक प्रक्रिया से गुजरती है, जिसे बनाने के लिए पेटेंट कराया गया है जो एक असली कॉफी के स्वाद की कॉफी है। इस रासायनिक प्रक्रिया का नतीजा है कि एक नियमित कप कॉफी की तरह ही पीसा जाता है। इसके अलावा, यदि आप इसमें कैफीन की मात्रा के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको हैरानी होगी क्योंकि इसमें काफी मात्रा में कैफीन (caffeine)होती है।
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कैसी होती है कॉफीलेस कॉफी
इसे बनाने के तीन कारण है। पहला, और सबसे महत्वपूर्ण कारण कॉफी के कड़वे बीन्स से छुटकारा, दूसरा यह कि यह नई ‘कॉफीलेस कॉफी’ कॉफी पीने से बर्न होने वाली कैलोरी की संख्या को कम करने में मदद कर सकती है। और आखिरी कारण ‘स्थिरता’ है क्योंकि यह एक कॉफी विकल्प है जो जलवायु परिवर्तन को प्रभावित नहीं करता है।
इसका फायदा
कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इससे दुनिया भर में कॉफी की खपत में कमी आएगी। मतलब रोजाना के हिसाब से देखें, तो कॉफी की खपत बहुत ज्यादा है। कॉफी से कई दूसरी डिशेज भी बनाई जाती है। ऐसे में भविष्य में कॉफी की कमी नहीं होगी। कॉफीलेस कॉफी एक बेस्ट ऑप्शन है।