Chhattisgarh Earthquake : उत्तरी छत्तीसगढ़(North Chhattisgarh) में सोमवार सुबह भूकंप (earthquake)के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मैग्नीट्यूड मापी गई है। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर (Baikunthpur)के पास सोनहत क्षेत्र में धरातल से 10 किलोमीटर की गहराई में थी। यहां तीन साल पहले भी 4.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था। भूकंप के झटके कोरिया जिले के साथ सूरजपुर एवं बलरामपुर(Surajpur and Balrampur) जिले के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए। चूंकि भूकंप का अंतराल (earthquake interval)कुछ ही सेकेंड का था, इसलिए इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
सोमवार की सुबह उत्तरी छत्तीसगढ़ में सुबह 8.10 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 17 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम क्षेत्र सोनहत में था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई है। भूकंप के झटके सोनहत एवं रामगढ़ के इलाकों में महसूस किए गए। वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले के लोगों को भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। हालांकि भूकंप का अंतराल इतना कम था कि लोगों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। भूकंप के झटके उपरी मंजिलों में रह रहे लोगों को ज्यादा पता चले। भूकंप से कहीं भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। अधिकांश लोगों को इसका एहसास भी नहीं हुआ। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने कहा कि यह भूकंप का मामूली झटका था। इसका इसर सरगुजा एवं आसपास के क्षेत्रों में नहीं हुआ है।
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फाल्ट जोन में है क्षेत्र, तीन वर्ष पूर्व भी आया था भूकंप
कोरिया जिले का सोनहत क्षेत्र फाल्ट जोन में है। करीब तीन वर्ष पूर्व 01 सितंबर 2018 को भी यहां 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका असर ज्यादा हुआ था। बैकुंठपुर में छतों के पंखे एवं घर में रखे सामान हिल गए थे। फाल्ट जोन में हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है।
उत्तरी छत्तीसगढ़ में भूकंप के कई केंद्र
उत्तरी छत्तीसगढ़ का सरगुजा, कोरिया जिला भूकंप की दृष्टि से फाल्ट जोन माना जाता है। 10 अक्टूबर 2000 को कोरबा-सरगुजा के बीच सुरता में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका व्यापक असर हुआ था। वहीं वर्ष 2001 में अंबिकापुर क्षेत्र के गोरता में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था।