रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)से आज यहां उनके निवास कार्यालय में अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज(All India Gondwana Society)के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद में पेसा क़ानून प्रस्ताव के अनुमोदन पर उनके प्रति आभार जताया। इस मौके पर अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का गजमाला पहनाकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हितों को संरक्षण प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देश्य है। पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय के होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगे। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा। पेसा कानून पहले से था, इसके नियम नहीं बनने के कारण आदिवासियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।
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उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है। छत्तीसगढ़ में पिछले 3 वर्षों में आदिवासियों के हित में सबसे ज्यादा निर्णय लिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में वनवासियों को तेंदूपत्ता संग्रहण पर पारिश्रमिक देश में सबसे ज्यादा दिया जा रहा है, जिसमें आदिवासी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। आदिवासी समुदाय की संस्कृति के संरक्षण के लिए देवगुढ़ियो का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार किया जा रहा है। विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने से आदिवासी समुदाय का मान-सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां वनवासियों को बड़ी संख्या में वन अधिकार पट्टा प्रदान किया गया है।
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संत कुमार नेताम और संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के अध्यक्ष नीलकंठ टेकाम, भारतीय गोंडवाना महासभा के सचिव लोकेंद्र ठाकुर, छत्तीसगढ़ गोंडवाना महासभा की महिला प्रभाग प्रमुख उत्तरा मरकाम सहित विभिन्न जिलों से गोंडवाना समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।