Chinese hackers targeting these Indian sites: पहले डोकलाम फिर गलवान में भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों की हुई झड़प ने चीन को ये अहसास दिला दिया है कि अब भारत से टक्कर लेना आसान नहीं है और यही वजह है कि चीन भारतीय सेना की रक्षा तैयारियों से जुड़ी जानकारियों पर नजर बनाये हुए हैं. चीन भारत से इस तरह से डरा हुआ है कि गलवान की घटना के बाद से उसने बीते दो साल में देश के कई अहम प्रतिष्ठानों पर 43 हजार से ज्यादा साइबर हमले किए हैं.
रिपोर्ट में चौकाने वाले आंकड़े
साइबर थ्रेट पर नज़र रखने वाली इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन (India Future Foundation) की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि गलवान घटना के बाद से देश के संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर चीन से कुल 40 हजार 300 साइबर अटैक की जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि गलवान के बाद से साइबर अटैक की घटनाओं में 200 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इन प्रतिष्ठानों पर चीन की नजर
रिपोर्ट के मुताबिक चीन से हो रहे साइबर हमले सबसे ज्यादा पावर सेक्टर, बैंकिग, रेलवे और रक्षा सेक्टर से जुड़े क्षेत्रों में हो रहे हैं. जानकारों का मानना है कि एक सोची समझी साजिश के तहत चीनी हैकर्स भारत के कंप्यूटर्स को टारगेट कर रहे हैं. जिसका मकसद देश की अहम क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रचर और डिफेंस से जुड़ी जानकारियों को चुराना है वहीं साइबर अटैक चीन का एक हाईटेक वार है.
निशाने पर था लद्दाख पावर ग्रिड
कुछ दिनों पहले लद्दाख के एक पावर ग्रिड पर भी ऐसे ही एक साइबर अटैक की जानकारी सामने आई थी. अमेरिकन साइबर सिक्योरिटी फर्म (American Cyber Security Firm) रिकार्डेड फ्यूचर ने ये दावा किया था लद्दाख के एक पावर ग्रिड की जानकारी जुटाने के लिए चीनी साइबर अटैकर्स ने उसे अपने टारगेट पर लिया था.
चीनी सेना की सीधी भूमिका
रिपोर्ट के मुताबिक चीन से भारत समेत दुनिया के कई देशों में होने वाले साइबर अटैक और हैकिंग में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि पीएलए शामिल रहती है.
चीन भारत की रक्षा तैयरियों से लगातार परेशान होने का साथ डर रहा है. दरअसल बीते कुछ सालों में फ्रांस से अचूक रफाल, अमेरिका (US) से आये ताकतवर अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों के साथ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑरगेनाइजेशन (DRDO) की ओर से लगातार हो रही नई मिसाइलों की टेस्टिंग ने चीन की चिंता बढ़ा दी है. यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में चीन के साइबर हैकर भारत के रक्षा ठिकानों से जुड़े कंप्यूटर्स के साथ-साथ साथ अहम इंस्टॉलेशन पर भी साइबर हमले कर रहा है ताकि देश की रक्षा से जुड़ी जानकारियों को हासिल किया जा सके.