12 जुलाई को विश्व पेपर बैग( paper bag) दिवस मनाया जाता है। इसे लेकर जब शहर में पेपर बैग( paper bag) की पड़ताल की गई तो पाया कि सिर्फ एक कारखाना शहर में पेपर बैग बनाने का ताला नगरी में है। इसके अलावा तमाम घरों में बासी कागज अखबार से लिफाफा बनाने का काम चल रहा है, जिसका प्रयोग छोटे दुकानदार करते हैं।
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बता दे पॉलिथीन (plastic) प्रतिबंध के बाद मांग लगातार बढ़ रही है। आलम ये है कि जो कारखाना अब तक दो ट्रक माल सप्लाई( supply) दे रहा था। वह अब तीन ट्रक सप्लाई( supply) कर रहा है, मगर रिटेल काउंटरों पर डिमांड ज्यादा बढ़ी है।
क्या है इतिहास ( history)
फ्रांसिस वोले नाम के एक अमेरिकी( americi) आविष्कारक ने सन 1852 में दुनिया में पहली बार पेपर बैग मशीन को बनाया था. इसके बाद सन 1871 में मार्गरेट ई नाइट में एक और मशीन का विकास किया जो फ्लैट बॉटम( bottom) पेपर बाग को उत्पादित करती थी।उस समय इसका नाम किराने की थैलियों की मां के रूप में लोकप्रिय हो गया।उनके द्वारा बनाए गए पेपर बैग का इस्तेमाल ( use)बड़ी मात्रा में किया जाने लगा।
क्या है फायदे ( profit)
पेपर बैग को न केवल रिसाइकल किया जा सकता है बल्कि यह मात्र 1 महीने में ही विघटित हो सकते हैं।पेपर बैग जानवरों के लिए भी प्लास्टिक बाग (plastic bag) मिकाबले नुकसानदायक नहीं है.खाद्य बनाने के लिए भी पेपर बैग का इस्तेमाल किया जा सकता है.