रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( chief minister bhupesh baghel) से सोमवार को यहां उनके निवास कार्यालय में सर्व आदिवासी समाज और बैगा समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) सलाहकार परिषद में पेसा क़ानून ( PESA law)के अनुमोदन पर उनके प्रति आभार जताया है। इस मौके प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री( chief minister) का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया।
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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पेशा कानून के नियम बन जाने से अब इसका क्रियान्वयन सरल हो जाएगा। इससे आदिवासी समाज के लोगों में आत्मनिर्भरता और स्वावलबन की भावना आएगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी (aadivasi) के होंगे। इस 50 प्रतिशत में एक चौथाई महिला सदस्य होंगे। ग्राम सभा का अध्यक्ष आदिवासी ही होगा। महिला और पुरुष अध्यक्षों को एक-एक साल के अंतराल में नेतृत्व का मौका मिलेगा। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा।
राज्य सरकार की योजना के तहत पात्रता अनुसार लाभ दिया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज( society) के प्रतिनिधियों से कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लोग जो किसी कारण से अन्य राज्यों में चले गए हैं। उन्हें वापस छत्तीसगढ़ में लाने में भी अपना योगदान दें। उन्हें भी राज्य सरकार( state government) की योजना के तहत पात्रता अनुसार लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि या अन्य कारणों से जिन आदिवासी जाति के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, उनके लिए राज्य स्तरीय टीम शोध और अनुसंधान के लिए दस्तावेज तैयार करेगी, जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा।