गरियाबंदके कान्हा क्लब में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर खिलाड़ियों ने वृक्षारोपण का कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ। गुरु पूर्णिमा के अवसर पूजन कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। इस दौरान पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प लेते हुए आम पीपल नीलगिरी एवं पीपल के पौधों का रोपण किया गया। इस मौके पर खिलाड़ियों ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया। वहीं गुरुजनों की पूजा कर उन्हें सम्मानित भी किया गया।
कोच जी॰डी॰ उपासने ने कहा
‘गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई। आज का दिन उन सभी अनुकरणीय गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है जिन्होंने हमें प्रेरित किया, हमें मार्गदर्शन दिया और हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाया। हमारा समाज सीखने और ज्ञान को अत्यधिक महत्व देता है। मैं आशा करता हूं कि हमारे गुरुओं का आशीर्वाद भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाए।मेरे बच्चे कान्हा क्लब के सभी खिलाड़ी बच्चों का मेरे प्रति मान सम्मान और अपनापन मेरे जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करती है
कोच तेजपाल कुकरेज़ा ने कहा
कोच तेजपाल कुकरेज़ा ने कहा
कि व्यक्ति के जीवन में 5 श्रेणी के गुरु हो सकते हैं… माता पिता, बड़े भाई बहन, समाज के प्रबुद्ध जन और बड़े बुजुर्ग, शिक्षा का गुरु और पांचवा दीक्षा का गुरु होता है. अवसर सबको प्राप्त होता है, उसे अपने अनुकूल बनाकर आगे बढ़ने वाला व्यक्ति सफल होता है। क्लब के सभी खिलाड़ियों को श्री कुकरेजा ने कहा हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा क्लब आज भी गुरु शिष्य के इस आयोजन की साक्षी बन रही है। इस वृक्षारोपण के इस आयोजन के साथ सबको जुड़ना चाहिए।और ऐसे ही कार्यक्रम पूरे ज़िले के होना चाहिए
कोच इमरान मेमन ने कहा
“जीने की कला सिखाते हैं शिक्षक”
गुरु पूर्णिमा हमारे जीवन में शिक्षकों या गुरुओं का सम्मान करने का दिन है. गुरु शब्द गुरु, शिक्षकों या ज्ञान देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि गुरु लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे बच्चों के विकास और पोषण में एक प्रमुख योगदान देते हैं.हमारा क्लब सालो से इस प्रथा को मानते आया है और यहाँ आज जब पूरी दुनिया सोसल मीडिया और अन्य चीज़ों की भीड़ में खुद को खो रहे है वही हमारॉ कान्हा क्लब गुरु शिष्य की परम्परा को बरकरार रखे हुए है यहाँ हर धर्म के बच्चे खेलने आते है और उन् सबको समान शिक्षा प्राप्त होती है यहाँ हर साल कई बच्चे नेंशननल खेलने जाते है और राष्ट्रीय स्तर पर कान्हा क्लब के गुरुओं के साथ पूरे ज़िले का मान बढ़ाते है
सीनियर खिलाडी ललित साहू बतलाया
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु को माना गया है भगवान से भी श्रेष्ठ
हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि ही हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करता है और समाज को कुरीतियों से दूर कर सच्चाई का मार्ग दिखाता है। संत कबीर के इस दोहे से गुरु का महत्व पता चलता है।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय|
बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय||
अर्थ – संत कबीर के अनुसार, जीवन में कभी ऐसी स्थिति आ जाये की गुरु और गोविन्द (ईश्वर) एक साथ खड़े हों तो सबसे पहले गुरु को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि गुरु ने ही गोविन्द से हमारा परिचय कराया है इसलिए गुरु का स्थान गोविन्द यानी भगवान से भी ऊँचा है।
इस अवसर पर विशेष रूप से ये रहे उपस्थित
कोच जीडी उपासने कोच सूरज महाडिक कोच विजय कश्यप एवं विकाश रोहरा प्रकास सरवैय्या टिंकु ठाकुर ललित साहू छगन यादव प्रीत सोनी रमन साहू जीतूँ सेन इमरान मेमन अख़्तर खान दीप सिन्हा जयमूनी बगरती कादर खान सोहेल मेमन हेमशिखर धुर्व मोनु सिन्हा आशीष सपहा मनोज भगत गुनचु प्रहलाद यादव होरी यादव लच्छी यादव संतोष यादव जगदिस काटके जगदीश यादव नरेंद्र साहू नरेंद्र यादव सूरज सिन्हा अनुराग केला दीपक सिन्हा वैभव ठक्कर सिनु ठाकुर बाबू भोंसले रासो यादव युगल सिन्हा इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया