Gariaband News :गरियाबंद (Gariaband)में रायपुर (Raipur)से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। एक छोटा सा जंगल के खूबसूरत स्थलों (beautiful places in the forest)के बीच सेट, जतमई मंदिर माता जतमई के लिए समर्पित है। और वहीं एक बड़ा झरना हैं। जो जतमई जलप्रपात (Jatmai Falls)के नाम से जाना जाता है जिसकी शुरुआत होने से पर्यटकों की लगेगी भीड़। आपको बता दें की अब से 6 माह तक जतमई जलप्रपात गुलजार रहेगा। और जलप्रपात की शुरुआत आज ही हुई है।
राजिम से 35 किमी की दूरी पर घने जंगलों के बीच स्थित है जतमई जलप्रपात और जतमई माता के इस मंदिर में रायपुर दुर्ग भिलाई समेत देश विदेश से पर्यटक यहां आते है। यहां नहाकर जलप्रपात का लुफ्त उठाते है।
also read : Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ सरकार रख रही है बुजुर्गाें का ख्याल
राजधानी रायपुर से 75 किमी दूर राजिम से गरियाबंद मार्ग पर पाण्डुका के पास है जतमई माता का मंदिर और जतमई जलप्रपात। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही पहली बारिश में यहा का जलप्रपात गुलजार हो जाता है, घने जंगलों के बीच प्रकृति की अनुपम गोद मे तौरेन्गा जलाशय के ऊपर पहाड़ी के बीचोबीच जतमई जलप्रपात की खूबसूरती देखते बनती है। जलप्रपात के बीच मे ही माता जतमई का भव्य मंदिर है जहाँ पर गुफा के अंदर माता जतमई विराजित है। यहाँ आने वाले पर्यटक जलप्रपात का लुफ्त तो उठाते ही है साथ ही माता जतमई का दर्शन प्राप्त कर आशीर्वाद भी लेते है, कहते है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता जतमई की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं माता पूर्ण करती है। यहाँ पर वर्षा ऋतु से लेकर आने वाले 6 माह तक या यूं कहें कि दिसम्बर महीने तक जलप्रपात के रहते यहाँ पर पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ रहती है, छुट्टी के दिन यानी रविवार को और विशेष पर्व में यहा हजारों की संख्या में भयंकर भीड़ रहती है।
जतमई मन्दिर परिसर के मौनी बाबा ने बताया कि जलप्रपात आज ही शुरू हुवा है और पर्यटकों की भीड़ भी आज से ही बढ़ने लगी है, अब धीरे धीरे रोज यहा पर पर्यटकों का मेला लगा रहेगा।