अब सरकारी केंद्रों पर 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज फ्री में लगाई जाएगी. अब तक 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही फ्री में बूस्टर डोज लगाई जा रही थी. एक्सपर्ट मानते हैं कि हर 6 महीने में बूस्टर डोज देनी चाहिए.
Covid Vaccine Booster Dose: देश में अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज फ्री में लगाई जाएगी. अभी तक 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को प्राइवेट सेंटर पर ही बूस्टर डोज लगाई जा रही थी. लेकिन अब सरकारी सेंटर्स पर भी बूस्टर डोज लगवा सकेंगे. हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि फ्री में बूस्टर डोज सिर्फ 75 दिन तक ही लगाई जाएगी.
आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक देश की 96 फीसदी से ज्यादा आबादी को वैक्सीन को एक डोज लग चुकी है, जबकि 87 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुकी है. इस साल 10 अप्रैल से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है.
नगर पालिका अध्यक्ष ग़फ़्फ़ु मेमन ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा,
‘आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज से पूरे देश की व्यस्क आबादी को मुफ्त प्रीकॉशन डोज लगाने का 75 दिन का कार्यक्रम शुरू हो गया है. मेरा आग्रह है कि बारी आने पर प्रिकॉशन डोज जरूर लें. पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार स्वास्थ्य भारत, सुरक्षित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.’
बूस्टर डोज इसलिए जरूरी है क्योंकि कई स्टडी में सामने आया है कि समय के साथ कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी कम होने लगती है. ऐसे में इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज जरूरी है. एक्सपर्ट्स यही मानते हैं कि महामारी को काबू करने के लिए बूस्टर डोज जरूरी है. ऐसे में बूस्टर डोज को लेकर कई सारे सवाल भी मन में आते हैं. यहां जानेंगे ऐसे ही 10 सवालों के जवाब…
1. सरकार के फैसले का मतलब क्या?
1. सरकार के फैसले का मतलब क्या?
– केंद्र सरकार ने अब 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को भी फ्री में बूस्टर डोज लगाने का फैसला लिया है. ये बूस्टर डोज सरकारी केंद्रों पर फ्री में लगाई जाएगी.
– लेकिन अगर आप किसी प्राइवेट अस्पताल या प्राइवेट सेंटर पर बूस्टर डोज लेते हैं, तो उसके लिए आपको कीमत देनी होगी.
– यहां एक बात ये भी ध्यान रखने वाली है कि सरकार ने अभी सिर्फ 75 दिन के लिए फ्री में बूस्टर डोज लगाने का फैसला लिया है. फ्री में बूस्टर डोज 15 जुलाई से लगाई जाएगी.
– अब तक 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही सरकारी केंद्रों में फ्री में बूस्टर डोज दी जा रही थी, लेकिन अब 15 जुलाई से 18 से 59 साल की उम्र के लोग भी सरकारी केंद्रों से फ्री में बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.
2. प्राइवेट सेंटर में कितना खर्च होगा?
– प्राइवेट अस्पताल या प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर बूस्टर डोज लगवाने के लिए आपको इसकी कीमत देनी होगी.
मिली जानकारी के अनुसार, प्राइवेट अस्पताल 150 रुपये से ज्यादा का सर्विस चार्ज नहीं ले सकते हैं. यानी, अगर आप तीसरी डोज लगवाते हैं तो आपको 375 रुपये खर्च करने होंगे.
3. कौनसी वैक्सीन लगेगी?
– पहली दो डोज जिस वैक्सीन की लगी होगी, तीसरी डोज भी उसी वैक्सीन की लगेगी. अभी सरकार मिक्स एंड मैच वैक्सीन को अनुमति नहीं दी है. यानी, अगर आपने पहली दो डोज कोविशील्ड की ली है, तो तीसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगाई जाएगी. इसी तरह अगर पहली दो डोज कोवैक्सीन की लगी है तो तीसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगेगी.
4. क्या फिर से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा?
– नहीं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि बूस्टर डोज या प्रीकॉशन डोज के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं है.
5. तो फिर कैसे लगवा सकेंगे बूस्टर डोज?
– स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, CoWin पर आपका अकाउंट पहले से बना हुआ है. आपने पहली और दूसरी डोज कब लगवाई है, इस अकाउंट में दर्ज है.
अगर आपको दूसरी डोज लिए 6 महीने पूरे हो गए होंगे तो आपके पास CoWin से एक मैसेज भेजा जाएगा. इस मैसेज के आने के बाद आप CoWin पर जाकर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं.
– स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि तीसरी डोज के लिए ऑफलाइन स्लॉट भी बुक किया जा सकता है.
6. कोरोना संक्रमण हुआ था, तो कब लगवा सकेंगे बूस्टर डोज?
– कोरोना से ठीक होने के तुरंत बाद वैक्सीन नहीं लगवाई जा सकती. कोरोना से ठीक होने के कम से कम 3 महीने बाद ही वैक्सीन की डोज ले सकते हैं.
– दो डोज लेने के बाद अगर आप कोरोना संक्रमित हो गए थे, तो रिकवरी के 3 महीने बाद आप बूस्टर डोज ले सकते हैं.
7. क्या गर्भवती महिलाएं लगवा सकती हैं तीसरी डोज?
– स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है. देश में जब कोरोना वैक्सीन का अभियान शुरू हुआ था, तब भी वैक्सीन को लेकर गर्भवती महिलाओं को लेकर चिंता थी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने बाकायदा एक पूरा दस्तावेज जारी किया था, जिसमें गर्भवती महिलाओं की चिंता से जुड़े सारे सवाल-जवाब थे.
इस दस्तावेज के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि ज्यादातर गर्भवती महिलाएं बिना लक्षण या बेहद हल्के लक्षण वाली बीमारी से ग्रसित होती हैं, लेकिन इससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और भ्रूण पर असर पड़ सकता है. इसलिए कोरोना से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए.
8. बूस्टर डोज की जरूरत क्यों पड़ी?
– दुनियाभर के वैज्ञानिक चेता चुके हैं कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन से बनी इम्युनिटी कुछ महीनों बाद कम होने लगती है, ऐसे में बूस्टर डोज जरूरी है. कोरोना लगातार अपने रूप बदल रहा है और उसके नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, इसने बूस्टर डोज की जरूरत और बढ़ा दी है.
बूस्टर डोज को लेकर एक्सपर्ट की राय अलग-अलग है. वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने एक बार बताया था कि बूस्टर डोज को लेकर अभी हमारे पास बहुत ज्यादा डेटा नहीं है.
– वहीं, मेदांता मेडिसिटी के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन का भी कहना था कि जब तक महामारी खत्म नहीं हो जाती, तब तक हर 6 महीने में बूस्टर डोज देनी चाहिए.
9. बूस्टर डोज कितनी असरदार?
– दुनियाभर में कई स्टडी में बूस्टर डोज असरदार साबित हुई है. भारत में भी बूस्टर डोज को लेकर हुई स्टडी के नतीजे अच्छे सामने आए हैं.
– 29 मार्च को राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने बताया था कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज के प्रभाव को जांचने के लिए ICMR ने एक स्टडी की थी, जिसमें तीसरी डोज के बाद कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बढ़ने की बात सामने आई थी.
– उन्होंने बताया था कि एस्ट्राजैनेका या कोविशील्ड की तीसरी डोज को लेकर अंतरराष्ट्रीय डेटा जो सामने आया है, उसके मुताबिक इस वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद एंटीबॉडी में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है.
10. अब तक कितने लोग लगवा चुके हैं बूस्टर डोज?
– कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज अब तक बहुत कम लोगों ने लगवाई है. न्यूज एजेंसी ने सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि 18 से 59 साल के 77 करोड़ एलिजिबल लोगों में से 1% ने भी कम ने बूस्टर डोज लगवाई है.
– वहीं, हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स समेत 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के 16 करोड़ लोग बूस्टर डोज के लिए एलिजिबल हैं. इनमें से करीब 26% ने ही बूस्टर डोज ली है.