रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी के रामनगर कोटा में स्थित दिशा कॉलेज में तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वतीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में डॉ. ए. के. तिवारी प्राचार्य दिशा कॉलेज एवं बी.एड. विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सौम्या तिवारी एवं प्रशिक्षक रमेश प्रधान उपस्थित रहे।
डॉ. ए. के. तिवारी प्राचार्य दिशा कॉलेज ने अपने उदबोधन में कहा कि आज इस बात की जरुरत है कि अपने बेटे-बेटियों को मार्शल आर्ट कराटे की ट्रेनिंग दें यह हर अभिभावक का एक अच्छा निर्णय रहेगा। जो बच्चों को आत्मविश्वास से पूर्ण कर देगा। साहस भय और आत्मविश्वास की बीच का जरिया है खुद पर भरोसा रखो। अपनी क्षमताओं पर विश्वास करों।
डॉ. सौम्या तिवारी विभागाध्यक्ष (बी.एड.) ने अपने उद्बोधन में कहा कि आत्मरक्षा का अर्थ है स्वयं की रक्षा करने अपने जीवन की रक्षा के प्रयत्न में व्यक्ति को शारीरिक नुकसान भी सहना पड़ता है। भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं की रक्षा हिफाजत के अधिकार देता है। आज के समय में जहाँ पर समय जीवन खोने का खतरा बना हुआ है ऐसे में खासकर बच्चियों तथा महिलाओं को स्वरक्षा की ट्रेनिंग की विशेष आवश्यकता है। तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षक के रुप में उपस्थित रमेश प्रधान (आत्मरक्षा प्रशिक्षक) ने प्रथम दिवस में आत्मरक्षा की कलां विषय पर आधारित मार्शल आर्ट के इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी के साथ शारीरिक स्वास्थ्य व्यायाम रोज की जिन्दगी में आवश्यक है, साथ मार्शल ही आर्ट की बेसिक जानकारी से विद्यार्थियों को अवगत कराया और बताया कि छात्र अपनी आत्मरक्षा घर और बाहर कैसे करें।
द्वितीय दिवस उपस्थित प्रशिक्षक ने आत्मरक्षा की तकनीकि में आत्मरक्षा के लिए अलग-अलग प्रकारों का उपयोग कैसे करें और इसके साथ ही अभ्यास द्वारा छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। होल्डिंग पकड से कैसे छुटकारा पाया जाय के अलग-अलग तरीके बताये, जिसे छात्रों ने बखूबी तलनीता से सीखा।
तृतीय दिवस उपस्थित प्रशिक्षक ने आत्मरक्षा एवं जागरुकता के बारे में अवगत कराते हुये अपनी आत्मरक्षा के लिए हाथ के प्रयोग के अलग-अलग गुर सिखाये और डंडे व चाकू से कैसे बचें, इसकी रणनीतियों से अवगत कराते हुए पैरों की तकनीक में गिराने के अलग-अलग तरीके सीखायें। कार्यशाला के अंत में प्रश्न उत्तर सत्र में छात्र-छात्राओं ने बढ़े उत्साह अपने-अपने प्रश्नों को प्रशिक्षक के समक्ष रखा। प्रशिक्षक ने उनके प्रश्नों का समाधान किया। इन तीन दिवसीय कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन सरिता शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज के सभी प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।