बिहार पुलिस ने शुक्रवार (Friday)को पटना (Patna)में एक 26 वर्षीय व्यक्ति को उसके द्वारा संचालित व्हाट्सएप ग्रुप (whatsapp group)के माध्यम से कथित रूप से भारत विरोधी विचारों का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पटना के फुलवारी शरीफ निवासी 26 वर्षीय अहमद दानिश (Ahmed Danish)उर्फ ताहिर (Tahir)के भी पाकिस्तान(Pakistan) स्थित चरमपंथी समूह (extremist group)तहरीक-ए-लब्बाइक से संबंध पाए गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, “ताहिर ‘गज़वा-ए-हिंद’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप चला रहा था, जिसके माध्यम से उसने भारत विरोधी विचारों का प्रचार किया। उस समूह में पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों सहित कई विदेशी नागरिक थे। उसका फोन जब्त कर लिया गया है और नंबर पता लगाया जा रहा है।”
पाकिस्तानी नागरिक से संपर्क
एसएसपी ने कहा, “जांच में यह भी पता चला है कि ताहिर तहरीक-ए-लब्बाइक से जुड़ा था। वह एक पाकिस्तानी नागरिक फैजान के नियमित संपर्क में भी था। जांचकर्ताओं ने पाया कि समूह में राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीकों का अपमान करने वाले संदेश साझा किए जा रहे थे।” उन्होंने कहा कि ताहिर समूह का व्यवस्थापक था और कई अन्य विदेशी समूहों के साथ भी संपर्क बनाए रखता था।
दूसरी ओर, झारखंड के एक रिटायर पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के एक पूर्व सदस्य जो पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का वर्तमान सदस्य भी है, अतहर परवेज को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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पीएम मोदी के दौरे से एक दिन पहले हुई गिरफ्तारी
सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपी बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने की योजना बना रहे थे। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 12 जुलाई को पटना का दौरा किया था, जबकि परवेज और जलालुद्दीन को 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना है कि दोनों ने 6 और 7 जुलाई को एक गुप्त बैठक भी की थी।
मामले की आगे की जांच से पता चला कि परवेज और जलालुद्दीन के पास तीन बैंक खाते थे, जिन पर 14 लाख रुपये, 30 लाख रुपये और 40 लाख रुपये के तीन थोक लेनदेन किए गए थे।
ताहिर के खिलाफ आईपीसी की धारा 121, 121 A, 120, 120B, 505 (1) (B), 153 (A) और आईटी एक्ट की धारा 66 के अंतर्गत केस दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वालों में मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बीर मलिक और शमीम अख्तर के अलावा और भी कई लोग हैं। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसीफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-उर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब आलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जीशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकीन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल) शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि ये फुलवारी शरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बातों को लेकर साजिश रचते थे।