नई दिल्ली। देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव में सांसदों-विधायकों ने सोमवार को अपने मताधिकार का भरपूर इस्तेमाल किया। मतदाता सूची में शामिल 4,796 सांसदों एवं विधायकों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश समेत 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के सौ प्रतिशत विधायकों ने अपने वोट डाले। इस झमाझम मतदान के बाद राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का भारी अंतर से जीत के साथ नया राष्ट्रपति बनना तय हो गया है।
- यशवंत सिन्हा के लिए 3.5 लाख वोट का आंकड़ा पार करना ही चुनौती
- 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुआ 100 प्रतिशत मतदान
- अयोग्य ठहराए गए दो विधायक नहीं डाल पाए वोट
- 44 सांसदों ने संसद भवन की जगह राज्यों में किया मतदान
क्रास वोटिंग की खबरें
चुनाव में गोवा से लेकर असम और महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक में जिस तरह क्रास वोटिंग की खबरें सामने आई हैं, उससे साफ है कि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए साढ़े तीन लाख वोटों का आंकड़ा पार करना भी चुनौती होगी।
विपक्षी खेमे से आई शिकायतें
क्रास वोटिंग की शिकायतें सबसे ज्यादा विपक्षी खेमे से ही आई हैं। इसका नुकसान जहां सिन्हा को होगा, वहीं इसकी वजह से द्रौपदी मुर्मू की जीत का फासला भी बढ़ेगा। संसद भवन परिसर में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ। शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सत्तापक्ष के तमाम दिग्गजों ने वोट डाला।
व्हील चेयर पर पहुंचे मनमोहन सिंह
विपक्षी खेमे के दिग्गज भी चुनाव नतीजे की परवाह किए बिना जोश में मतदान कर बाहर निकलते दिखाई दिए। पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर विशेष रूप से मतदान करने के लिए दोपहर में आए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, डेरेक ओ ब्रायन, टीआर बालू आदि ने भी उत्साह के साथ वोट डाला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोपहर करीब तीन बजे जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी और डीके सुरेश के साथ वोट डालने पहुंचीं। इसके तुरंत बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी अकेले वोट डालने पहुंचे।
बिरला ने आखिर में डाला वोट
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मतदान खत्म होने से कुछ मिनट पहले जाकर अपने मताधिकार का उपयोग किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और वन, पर्यावरण एवं श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव लगातार मतदान के दौरान चौकस दिखे और यह सुनिश्चित करने में जुटे रहे कि सत्ताधारी पक्ष के सांसद निरंतर अपना वोट डालते रहें।
अनुपस्थित रहे आठ सांसद
विधायक अनंत कुमार सिंह और महेंद्र हरि दल्वी सदस्यता गंवाने के चलते वोट करने के लिए अयोग्य ठहराए गए। इसके अलावा राज्यसभा में छह और राज्यों की विधानसभाओं में छह सीटें खाली हैं। वर्तमान 771 सांसदों में से अधिकांश ने संसद भवन परिसर में अपना वोट डाला, लेकिन 44 सांसद ऐसे भी रहे जिन्होंने पूर्व अनुमति लेकर राज्य विधानसभाओं में अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इन राज्यों में 100 फीसद मतदान
727 सांसदों और नौ विधायकों ने संसद भवन में वोटिंग के लिए अनुमति ली थी जिनमें से आठ सांसद गैरहाजिर रहे। जिन 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभाओं में सौ प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया उनमें छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु शामिल हैं।
कोविड के कारण विशेष इंतजाम
कोविड संक्रमण को देखते हुए मतदान के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। तमिलनाडु में दो कोविड संक्रमित विधायकों ने विधानसभा में वो¨टग के आखिरी समय में अपना मत डाला। जबकि केरल के एक कोविड संक्रमित सांसद ने तिरुअनंतपुरम में अपने मताधिकार का उपयोग किया।
आज संसद भवन पहुंच जाएंगी मत पेटियां
मतदान के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मत पेटियों को दिल्ली लाया जा रहा है, सभी मत पेटियां मंगलवार को संसद भवन के स्ट्रांग रूम में पहुंच जाएंगी। 21 जुलाई को मतगणना के बाद द्रौपदी मुर्मू की देश के नए राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।