श्रीलंका ( sri lanka)की संसद 44 साल में पहली बार आज (20 जुलाई) त्रिकोणीय मुकाबले में सीधे राष्ट्रपति का चुनाव करेगी।राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा दुल्लास अलहप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके मैदान में हैं। इन तीनों में से किसी एक को देश छोड़कर भागने वाले गोटाबाया राजपक्षे की जगह राष्ट्रपति( president) चुना जाएगा।
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हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 73 साल के विक्रमसिंघे राष्ट्रपति की रेस में अब भी आगे चल रहे हैं। लेकिन 225 सीट वाली संसद में बहुमत साबित करना इतना आसान नहीं होगा अगर श्रीलंका( sri lanka) में आर्थिक हालात बेहद खराब होने से पहले अगस्त 2020 की संसदीय संरचना को देखें, तो 145 की संख्या वाली SLPP पार्टी से 52 सांसद टूट गए थे।
विपक्ष का भी समर्थन मिलता दिख रहा
चुनाव से पहले दुल्लास अलहप्परुमा, विक्रमसिंघे पर बढ़त बनाते नजर आ रहे हैं. उन्हें अपनी पार्टी के ज्यादातर नेताओं के अलावा विपक्ष का भी समर्थन मिलता दिख रहा है।श्रीलंका( sri lanka) के पूर्व विदेश मंत्री जीएल पीरिस ने कहा कि श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी पोदुजाना पेरामुना (SLPP) के अधिकतर नेताओं के अलावा विपक्ष के नेता भी दुल्लास अलहप्परुमा को राष्ट्रपति और साजिथ प्रेमदासा को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं ।
SJB के नेता साजिथ प्रेमदासा, अलहप्परुमा को समर्थन देने का ऐलान
SJB के नेता साजिथ प्रेमदासा, अलहप्परुमा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। अलहप्परुमा के पक्ष में एक और बड़ी घटना सामने आई है।श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) भी उन्हें वोट देने का फैसला कर चुकी है। टीपीए नेता सांसद मनो गणेशन ने कहा कि तमिल प्रगतिशील गठबंधन (टीपीए) ने भी सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव में अल्हाप्परुमा का समर्थन करने का फैसला किया है।