जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग द्वारा सबसे पहले पहल करते हुए उन मछुआरों एवं एकमात्र चश्मदीद गवाह श्याम ढीमर का सम्मान किया गया। जोकि दुर्ग जिले की शिवनाथ नदी में लगातार 70 घंटों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन का सबसे बड़ा हिस्सा रहे और जिनके द्वारा इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलता मिली।
पिछले 4 दिनों से पूरे प्रदेश के नागरिकों की नजर दुर्ग शिवनाथ नदी में डूबी गाड़ी पर थी, सबके मन मे प्रश्न था गाड़ी में कौन है, कितने लोग है, गाड़ी कब निकलेगी, कौन निकालेगा, इन सभी बातों का हल 20 जुलाई को निकला, जिसमें शासन, प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने खूब मेहनत की, हर तरह की कोशिश एवं प्रयास किया जो कि सरहानीय रहा। परन्तु इस कार्य मे सफलता हमारे के मछुवारों के हाथ से मिली, ये मछुवारे हमारे वो सहयोगी है जो नवरात्र, गणेश, एवं अन्य पर्वों पर पूरे जिले में स्थापित माता जी, गणेश जी एवं अन्य विशाल, बड़ी बड़ी मूर्तियों का विसर्जन कराने में अपना योगदान देते है, जिससे मूर्ति विसर्जन में किसी प्रकार की कोई असुविधा नही होती, इसके साथ साथ बिना किसी प्रचार के कभी कभी नदी में गिरे लोगों की मदद करके उनको सुरक्षित बाहर निकालते है।
शिवनाथ नदी के अंदर से गाड़ी खोज करके हमारे शहर के इन मछुआरों ने कर दिखाया कि वे भी देश के सिपाही है जो जनता की मदद के लिए सदैव तत्पर पर रहते है।
जन समर्पण सेवा संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि 4 दिन से शासन प्रशासन स्तर पर शिवनाथ नदी में डूबी गाड़ी को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया गय। इस प्रयास के बीच शहर के मछुवारों द्वारा बस कुछ ही देरी में जाल फेंककर गाड़ी का पता भी लगाया एवं गाड़ी को बाहर निकालने में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया। इसके साथ साथ एक मछुवारा साथी श्याम कुमार ढीमर जो कि बिना किसी दबाव में आये सत्य का साथ देते हुए अपनी बात पर अडिग रहकर गाड़ी नदी में गिरने की जानकारी दी और गाड़ी नदी से निकालने में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
इस सभी योद्धाओं का सम्मान जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग द्वारा किया गय। जिले में सबसे पहले इन मछुआरों का सम्मान करते हुए संस्था द्वारा मछुआरों को उनकी जरूरत की साम्रगी वितरित की गई।