Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)ने गुरुवार को केंद्र की भाजपा सरकार और प्रवर्तन निदेशालय को चुनौती दी और कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो वह कैमरे लगायें और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) से पूछताछ का सीधा प्रसारण करें।
नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने देशव्यापी प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार को चुनौती तक दे डाली।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में हिम्मत है तो वह पूछताछ हो रही उस कक्ष में कैमरे लगाए साथ ही कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पूछताछ का सीधा प्रसारण करना चाहिए।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ईडी कार्यालय के सामने कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीएम बघेल ने भाजपा पर विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस का देश भर में सड़क पर विरोध प्रदर्शन
ईडी ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी से दो घंटे से अधिक समय तक नई दिल्ली में पूछताछ की। उन्हें 25 जुलाई को फिर से तलब किया गया है। सोनिया गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई ने कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया को आमंत्रित किया, जिसने देश भर में सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पार्टी के नेताओं ने भी गिरफ्तारी दी।
देश सोनिया गांधी के सवाल और जवाब के बारे में जानना चाहता है
स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी में बोलते हुए सीएम बघेल ने कहा कि ईडी को उस कमरे में कैमरे लगाने चाहिए जहां वे सोनिया गांधी से सवाल कर रहे थे और सभी समाचार चैनलों के साथ इसके लिंक साझा करें या कमरे के अंदर समाचार चैनलों के कैमरों को अनुमति दें। देश सोनिया गांधी के सवाल और जवाब के बारे में जानना चाहता है।
अगर केंद्र की भाजपा सरकार में हिम्मत है, तो ईडी को उस जगह पर कैमरे लगाने दें जहां सोनिया गांधी से सवाल किया जा रहा है। क्या आपके पास ऐसा साहस है? देश जानना चाहता है कि घोटाला कहां हुआ है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार एक 75 वर्षीय महिला (गांधी) को परेशान कर रही है, जिनका स्वास्थ्य खराब है। आगे कहा कि ईडी के अधिकारी उन्हें कार्यालय बुलाने के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष से लिखित बयान ले सकते थे।